मो.आशिफ, छितौनी, कुशीनगर।
कोरोना के नया वेरिएंट् ओमिक्रांन ने जहां अपने देश में दस्तक दे दिया है और सरकार ने इस दिशा में गाइडलाइन जारी कर दिया है वही जिले में पांच माह से कोरोना अस्पताल 100 बेड का आधा अधूरा संयुक्त महिला चिकित्सालय छितौनी के परिसर के बगल में पूरा होने का इंतजार कर रहा है।
ज्ञात हो कि पिछले साल आई कोरोना की लहर के बाद सरकार ने युद्ध स्तर पर बनने वाला फाइबर का बना रेडीमेड हाउस तमिलनाडु राज्य से खरीद कर 100 बेड का हॉस्पिटल पीपीपी मॉडल पर बनवाने की घोषणा की और क्षेत्रीय विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने काफी प्रयास कर पांच करोड़ की लागत से इस अस्पताल के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई। इस अस्पताल में अत्याधुनिक एक मिनट में 600 लीटर ऑक्सीजन देने की क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट लगा है। इसके अलावा यह फाइबर के सभी कमरे वातानुकूलित है जिसके लिए जनरेटर लगाए व ट्रांसफार्मर भी लगवा दिए गया है। सभी फाइबर के कमरों में चिकित्सक व मरीजों के लिए तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार 100 बेड की जगह पर मात्र 72 बेड ही डाले गए हैं और सभी फाइबर के कमरों में ओरिजिनल अलमारी गोदरेज की जगह पर डुप्लीकेसी की गई है।
लोगों का आरोप है कि अभी तक 100 बेड के कोरोना हॉस्पिटल का मार्क ड्रिल नहीं किया गया है नहीं तो डॉक्टर , कंपाउंडर नर्स , वार्ड बॉय , सफाई कर्मी और चौकीदार की नियुक्ति तक नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता सुभाष चंद्र जयसवाल उर्फ पहलवान ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि इस अस्पताल को जल्द से जल्द शुरू कराया जाए क्योंकि इसके साथ ही जिले के सदर अस्पताल और कसया व सपहा आदि में बने कोरोना अस्पताल सभी की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। क्योंकि ओमिकांत कोरोना के नए वेरिएंट फैलते ही यहां के लोग मुंबई , अहमदाबाद , दिल्ली जैसे महानगरों से पलायन कर अपने घर आना शुरू कर देंगे। पहलवान ने बताया कि इस कोरोना अस्पताल के बनने से उत्तर प्रदेश व बिहार राज्य की लोगों को सीधा इसका लाभ मिलेगा।