खुशखबर- गोरखपुर खाद कारखाने से खुलेगी अनुपूरक उद्योगों की राह, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

हर महीने प्लास्टिक की बोरियों की आवश्यकता पड़ेगी।


गोरखपुर में एचडीपी खाद की बोरी तैयार करने वाली चार कंपनियां हैं। वहीं खाद कारखाने में यूरिया का उत्पादन किया जाना है। ऐसे में हर महीने प्लास्टिक की बोरियों की आवश्यकता पड़ेगी।

गोरखपुर खाद कारखाने के चलने से न सिर्फ हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि कारखाने की जरूरतों को पूरी करने वाली फैक्ट्रियों की भी राह खुलेगी। अगर इससे जुड़ी फैक्ट्रियों को अनुपूरक (एनसिलयरी) उद्योगों का दर्जा मिल जाएगा तो यहां के उद्योगों के विकास के पंख लग जाएंगे।

खाद कारखाने में रोजाना 85,555 बोरी नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन किया जाना है। ऐसे में हरेक महीने करीब 30 लाख हाई डेंसिटी पॉलिथीन (एचडीपी) यानी उत्कृष्ट श्रेणियों वाली प्लास्टिक की बोरियों की आवश्यकता पड़ेगी। गोरखपुर में ऐसी बोरियां तैयार करने वाली चार फैक्ट्रियां हैं, जिनमें प्रियंवदा इंडस्ट्री, एवीआर पेट्रो, माडर्न लेमिनेटर्स और श्रीकृष्णा पॉलीफैब प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। चारों फैक्ट्रियों द्वारा तकरीबन इतनी संख्या में प्लास्टिक की बोरियां तैयार की जाती हैं। अब तक खाद कारखाना की ओर से इन फैक्ट्रियों को अनुपूरक फैक्ट्री नहीं घोषित किया गया है।

अनुपूरक उद्योग घोषित होने से होगा फायदा

अगर खाद कारखाने द्वारा इन उद्योगों को अनुपूरक उद्योग घोषित कर दिया जाता है तो गोरखपुर के उद्योगों को बहुत फायदा होगा। प्रावधान के अनुसार अनुपूरक उद्योगों से ही संबंधित फैक्ट्री को जरूरत की चीजें खरीदनी होती हैं। गोरखपुर खाद कारखाने के लिए अनुपूरक उद्योग के रूप में केवल एचडीपी संबंधी चार उद्योग हैं, जिनमें प्लास्टिक बैग तैयार होते हैं।
 
श्रीकृष्णा पॉलीफैब के एमडी भोला जायसवाल ने बताया कि अगर गोरखपुर के एचडीपी बैग्स के उद्योगों को खाद कारखाने की ओर से अनुपूरक उद्योग का दर्जा मिल जाता है तो इन उद्योगों को बहुत फायदा होगा। यहीं पर सारे उत्पादों की खपत हो जाएगी।  

चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने बताया कि खाद कारखाने के अनुपूरक उद्योगों के रूप में दर्जा देने का अधिकार केंद्र सरकार को है। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज की ओर से सरकार से मांग है कि गोरखपुर के उन उद्योगों को यह दर्जा दिया जाए।

अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मी सम्मानित:,लापता मासूमों को घरवालों से मिलाने वाले पुलिसकर्मी को मिला सम्मान, ADG ने दिया प्रशस्ति पत्र

 गोरखपुर । उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जोन में अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों को एडीजी अखिल कुमार ने सोमवार को प्रशस्ति पत्र देकर ​सम्मानित किया है। सभी पुलिसकर्मियों को उनके जनपद के एसएसपी व एसपी प्रशस्ति पत्र देंगे। प्रशस्ति पत्र पाने वाले पुलिसकर्मियों में गोरखपुर जिले के कैंट थानाक्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी की पुलिस भी शामिल है। जिन्होंने 6 वर्ष के बच्चे को उनके घरवालों से मिलाया था। बच्चा घर से लापता हो गया था और पुलिस को चौराहे पर भटकते हुए मिला था।

इन्हें मिला है सम्मान

प्रशस्ति पत्र पाने वाले पुलिसकर्मियों में गोरखपुर के चौकी प्रभारी इंजीनियरिंग कॉलेज अमित कुमार चौधरी, दीवान वीरेंद्र कुमार, सिपाही आन्नद सिंह, सिपाही संजय यादव, सिपाही रोहित सिंह, राकेश सिंह लावारिस मिले लैपटाप को उसके स्वामी को लौटाने वाले राजघाट थाने के सिपाही मंगलदीप यादव, एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति के आपरेशन के लिए 2 यूनिट खून देने वाले कंट्रोल रूम गोरखपुर के सिपाही कृष्ण कुमार गौतम और देवरिया जनपद की महिला आरक्षी अनुष्का राय, सिपाही राजीव कुमार, अजय कुमार सिंह, बृजेश कन्नौजिया, थानाघ्यक्ष बनकटा विपिन कुमार, सिपाही प्रज्ञा दूबे शामिल हैं।

अच्छा काम करने वालों को मिलता रहेगा सम्मान

देवरिया की इस पुलिस टीम ने पारिवारिक विवाद में बच्चों के साथ आग लगाने की सूचना पर मौके पर पहुंचकर महिला व उसके बच्चों को बचाया गया था। एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि इस तरह का सम्मान मिलने से पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ता है।

 पुलिस जनता के हित में काम तो लगातार करती है, लेकिन इसके एवज में उन्हें जल्दी कोई रिवार्ड नहीं मिलता। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अब अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों को लगातार सम्मानित किया जाएगा।

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