सरकार और जन प्रति निधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का गांव जगनाखेडा़

मुलाजिम व सरकार जरा सी भी संजीदगी दिखाते तो गाँव में सेनानी की स्मृति में 


स्वतंत्र प्रभात 

 रायबरेली- सताँव आजादी की लड़ाई में जान हथेली पर रखकर अपना योगदान देने वाले, कई बार जेल की यातनाऐं सहकर देश की रक्षा के लिए लड़ने वाले अमर सपूतों की कुर्बानियों को शासन तथा प्रशासन कोई तवज्जो नहीं दे रहा है  क्षेत्र के अमर सपूत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का गाँव आजादी से लेकर आज तक  जिम्मेदारों की उपेक्षा का दंश झेल रहा है।यदि सरकारी मुलाजिम व सरकार जरा सी भी संजीदगी दिखाते तो गाँव में सेनानी की स्मृति में 

इस स्मृति द्वार , सड़क नाली नाला खड़ंजा सहित गांव का विकास हुआ होता जिससे कि सदियों तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को याद किया जाता आपको बताते चलें कि बांदा-बहराइच राजमार्ग पर बसे जगनाखेड़ा गाँव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दुल्लू प्रसाद अवस्थी ने स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए भारत माता की रक्षा करते रहे कई बार उन्हें अंग्रेजों की जेल में रहकर कठोर यातनाऐं भी सहनी पड़ी लेकिन अफशोस इस बात का है

 कि आजादी से अब तक इस अमर सपूत की यादों को जीवन्त रखने के लिए सरकार के द्वारा गाँव में किसी भी प्रकार का स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए कोई स्मारक स्थल व विकास कार्य नही कराया गया।

 दो लेन चौड़े मार्ग से 05 किलोमीटर परिधि के अर्न्तगत स्थित जगनाखेड़ा गाँव को पक्की सड़क से जोड़ने का कार्य वर्ष 2018-19 में प्रारम्भ हुआ। सम्पर्क मार्ग पर बोल्डर गिट्टी डालने के उपरान्त लोकनिर्माण विभाग द्वारा बिना डामरीकरण के ही 120.87 लाख रुपये के इस मार्ग के निर्माण का बोर्ड लगा दिया गया लेकिन गांव विकास से आज भी कोसों दूर है

गाँव की बदहाली सरकार सहित जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से त्रस्त ग्रामीणों ने आगामी चुनावों में मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है। जगनाखेड़ा गाँव के ही वरिष्ठ अधिवक्ता शरदचन्द्र मिश्रा, मुन्नू तिवारी,चन्द्रदेव मिश्र, बीरेन्द्र अवस्थी, नन्दलाल यादव, दीपनरायण बाजपेई और महेन्द्र मिश्रा ने जिलाधिकारी से माँग की है कि सेनानी के गाँव में अविलम्ब आवश्यक विकास कार्य कराया जाये ताकि अमर सपूत दुल्लू प्रसाद अवस्थी को सम्मान मिल सके।


 

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