गरीबों को नहीं मिल रहा खाद्य-सुरक्षा अधिनियम का लाभ ।

अंगूठा लगवाने के बाद स्लिप नही देते । ए • के• फारूखी (रिपोर्टर) ज्ञानपुर, भदोही । केंद्र सरकार या प्रदेश सरकार पारदर्शिता में लाख प्रयास करले परंतु राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ गरीब जनता को या लाभार्थियों को नही मिल पा रहा है। कोटेदारों की मनमानी और तानाशाही पूर्ण रवैये और खाद्य आपूर्ति विभाग

अंगूठा लगवाने के बाद स्लिप नही देते ।

ए • के• फारूखी  (रिपोर्टर)

ज्ञानपुर, भदोही ।

केंद्र सरकार या प्रदेश सरकार पारदर्शिता में लाख प्रयास करले परंतु राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ गरीब जनता को या लाभार्थियों को नही मिल पा रहा है। कोटेदारों की मनमानी और तानाशाही पूर्ण रवैये और खाद्य आपूर्ति विभाग मिली भगत से पात्रों को गल्ला नही मिल पा रहा है। इसके लिए आपूर्ति विभाग भी जिम्मेदार है।

नगरीय क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र के लोगो द्वारा जिलापूर्ति कार्यालय, जिलाधीकारी कार्यालय पर सैकड़ो की संख्या में धरना प्रदर्शन किया जाता है उसके बावजूद कोटेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही होती जिससे उनका हौशला बुलंद होता है और उपभोक्तओं के हौशले टूट जाते है।

कोई कोई कोटेदार इतने कहते सुने जाते है कि कितना ही शिकायत कर लो हमारा कुछ नही होने वाला बस हमारा खर्च जीहुजूरी में बढ़ जाएगा। शासन की तरफ से निर्देश है कि सभी उपभोक्तओं के कार्ड को वितरण कर दिया जाय परन्तु कई कोटेदारों ने अभी तक कार्ड का वितरण नही किया जिससे उपभोक्ताओं को यह भी पता नही की हमारा कितना यूनिट है।

कोटेदार मनमानी उन्हें गल्ला दे रहे है। हद तो तब हो जाती है जब अंत्योदय कार्ड धारकों को 5 किलो गल्ला दिया जाता है। जब वह कहता है कि हमारा अंत्योदय कार्ड है तो उससे कहते है कि तुम्हारा एक यूनिट है। यह आपूर्ति विभाग की लापरवाही। इससे ज्यादा नही मिलेगा नगर के कोटेदार उपभोक्ताओं से अंगूठा लगवा लेते है

और कहते है कि नही लगा 25 तारीख के बाद आना कोई कोई कोटेदार दुकान खोलकर बैठ जाते है मशीन लेकर अंगूठा लगवाते है और कहते है कि भैया नही है आएंगे तो गल्ला मिलेगा। उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि अंगूठा हर माह लगवाया जाता है और और दो दो माह बाद गल्ला दिया जाता है वह भी आधा अधूरा।

सबसे बड़ी बात तो उपभोक्ताओं को अंगूठा लगाने के बाद जो स्लिप निकलती है सभी ने अपनी मशीनों के प्रिंटर व अलार्म को बंद कर दिया है ताकि यह पता न चल सके कि अंगूठा लग गया है, किसी भी मशीन में पेपर रोल नही मिलेगा। इसके साथ ही नगर के कोटेदार शासनादेश का खुला उलंघन जब यह शासनादेश है कि किसी भी कोटेदार के यहां से गल्ला लिया जा सकता है

तो यहां के कोटेदार देने को तैयार नही होते कहते है जहां कार्ड है वहा जाकर लो हम नही देंगे । आम उपभोक्ताओं का कहना है कि सभी कोटेदारों के यहां जिलापूर्ति कार्यालय से निगरानी में गल्ला का वितरण कराया जाय व अगूंठा लगाने के बाद मशीन से जो पर्ची निकलती है हमे दिया जिससे हमें यह पता चल सके कि हमे कितना गल्ला प्राप्त हुआ है।

कार्डधारकों का कहना है कि हमारा यूनिट पहले की अपेक्षा कम कर दिया जाता है,सूत्रों की माने तो यह खेल कोटेदारों और विभागीय कर्मचारियों की मिली भगत से हो रहा है। कार्ड धारकों के यूनिट कम कर पैसे के बल पर दूसरा कार्ड बनाने का खेल चल रहा।ज्यादा शिकायत होने पर विभाग आब्जर्वर लगा देती है,परंतु कोटेदार उन्हें भी मैनेज कर लेते है।

कितनो का तो अंगूठे लगवा लेने के बाद भी कहते है कि अंगूठा नही लगा है। गोपीगंज नगरीय क्षेत्र की जांच किया जाना अनिवार्य है इसके साथ ही कोटेदारों की मिलीभगत से जबकि शासन का आदेश है कि कोई भी उपभोक्ता कहीं से भी राशन ले सकता है पर यहां के कोटेदार नहीं देते।

About The Author: Swatantra Prabhat