सोनैचा के लापता युवक को अयोध्या में तैनात पीएसी के जवान ने पहचाना।

केवलपुर के ‘प्रकाश’ ने सोनैचा में फैलाई खुशी की ‘लहर’… । संतोष तिवारी (रिपोर्टर ) भदोही। भले ही लोग आज अपने कार्यों का बखान करने से नही थकते लेकिन कभी कभी ऐसे भी मौके देखने को मिलता है कि लोग सभी भौतिक चीजों को लगाकर थक हार जाते है और सब कुछ परमात्मा के भरोसे

केवलपुर के ‘प्रकाश’ ने सोनैचा में फैलाई खुशी की ‘लहर’… ।

संतोष तिवारी (रिपोर्टर )

भदोही।

भले ही लोग आज अपने कार्यों का बखान करने से नही थकते लेकिन कभी कभी ऐसे भी मौके देखने को मिलता है कि लोग सभी भौतिक चीजों को लगाकर थक हार जाते है और सब कुछ परमात्मा के भरोसे छोड देते है। और परमात्मा पर किया गया विश्वास ऐसा फलीभूत होता है कि कल्पना नही की जा सकती है।

ठीक ऐसा ही मामला कोईरौना थाना क्षेत्र के सोनैचा गांव में देखने को मिला जहां पर ठीक एक वर्ष पहले गायब युवक की अचानक मिलने की खबर मिलती है। वह भी ऐसे माध्यम से जो कही न कही परमात्मा की अपार कृपा से ही संभव हो सका है जो किसी चमत्कार से कम नही है।

मालूम हो कि बीते वर्ष 19 नवम्बर को सोनैचा निवासी छांगुर यादव (मोनू ) ट्रैन से वाराणसी गया था लेकिन फिर वापस नही आया परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन पता नही चला। और परिजन थक हारकर खोजना बंद कर दिये। लेकिन शुक्रवार को ऐसा वाकया हुआ कि सोनैचा गांव में एक वर्ष बाद उस परिवार में फिर खुशी की लहर दौड गई।

और इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका केवलपुर निवासी प्रकाश तिवारी ने निभाई जिसने पडोस गांव सोनैचा से गायब एक युवक को अयोध्या पहचान लिया। और छांगुर के परिजनों को सूचित किया। विदित हो कि प्रकाश तिवारी अयोध्या में पीएसी में तैनात है और वे अपने मित्र गुरदास सिंह के साथ एक तिलक समारोह बलबीरपुर में गये थे।

और उसी तिलक समारोह में अयोध्या के जगदीशपुर निवासी धीरज सिंह के साथ छांगुर यादव भी आया था। और इसी समय प्रकाश तिवारी ने छांगुर को पहचान लिया और पूछताछ करने पर सही निकला। छांगूर ने बताया कि वह वाराणसी से भटक कर एक ट्रक वाले के साथ रहा बाद में ट्रक वाले ने उसे अयोध्या के एक ढाबा पर छोड दिया और ढाबा संचालक के यहां वह रहने लगा।

ढाबा संचालक छांगुर को हर जगह अपने साथ इसलिए ले जाता था जिससे शायद कोई पहचान सके। और ढाबा संचालक की यह योजना शुक्रवार को सफल हो गई। और केवलपुर निवासी पीएसी का जवान प्रकाश तिवारी ने छांगुर यादव को पहचान लिया। और परिजनों को सूचित भी कर दिया। प्रकाश तिवारी के इस कार्य की सराहना पूरे क्षेत्र में हो रही है कि एक वर्ष से लापता युवक को ढूंढने में सहायक साबित हुआ।

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