भदोही:नहर टूटने से धान की फसलें डूबने के कगार पर, विभाग लापरवाह ।
ए •के • फारूखी ( रिपोर्टर)
सुरियावां, भदोही ।
अफसरों की लापरवाही से किसी भी गांव में आपदा जब किसी पर कहर बनकर बरपती है , तो उसका प्रभाव असमानता से ग्रसित होने पर लोगों को सोचने पर विवश होना पड़ता है।
प्राकृतिक प्रकोप और प्रकृति के मार के शिकार उन्हीं लोगों पर बार-बार आपदाओं का प्रभाव बीते 4 दिनों से सुरियावा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा महुआपुर में देखने को मिल रहा है। शायद कवि की यह पंक्तियां इस गांव के लोगों पर निश्चित ही रूप से सटीक बैठती है।
“फलक को जिद है जहां, बिजलियां गिराने की,
हमें भी जिद है,वही आशियां बनाने की”।।
बीते 4 दिनों से शारदा नहर टूटने से सैकड़ो बीघे से अधिक इस गांव के किसानों की तैयार धान की फसल डूब कर बर्बाद होने की कगार पर खड़ी है।जिसके
चलते महुआपुरके काफी ग्रामीण किसान हलाकान व परेशान हैं। कटान की मार झेलते हुए भी किसी तरह से काफी मशक्कत के बाद भी नहर के पानी का बहाव कम नहीं होने से तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। किसानों की सारी कोशिशें बेकार हो गई ।
किसानों का कहना है कि नहर के टूटने से बर्बाद फसलों का अंदेशा देखतेगांव के किसानों के दिलों में भयंकर तबाही का मंजर नजर आ रहा है । इस संबंध में मोबाइल सम्पर्क पर नहर विभाग के कर्मचारी वीर बहादुर सिंह का कथन रहा कि नहर के पंप से पानी का बहाव रोक दिया गया है।
शेष पानी यदि कहीं से भी जा रहा है।,तो उसकी मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है।, बताते चलें कि यदि नहर पानी के बहाव से कुछ अधिक टूटा तो बहाव का पानी अधिक होते ही बच्चे बूढ़े और महिलाओं के दिलो-दिमाग और जीवन में जीवन का अंधेरा नजर बनकर छा रहा है।
क्योंकि फसलें बर्बाद होने पर जहां उनकी रोजी-रोटी छिन जाएगी वही मवेशियों के चारा रुपी नेवाला उनके मुंह से भी छिन जाएगा। ग्रामीणों का कहना रहा कि यदि नहर को नहीं बांधा गया तो तैयार फसलों के नुकसान से परोसी हुई थाली हमारे सामने से छिन जाएगी।