ज्ञानपुर:नगर के दर्जनों कुंए और ताल-तलैये आस्तित्व विहीन
ए •के • फारूखी (रिपोर्टर)
ज्ञानपुर, भदोही ।
नगर क्षेत्र के दर्जनों कुएँ और ताल-तलैये जमीदोंज हो गए। और अब भी हो रहे हैं लेकिन प्रशासन मस्त है। बताते चलें कि कस्बे में करीब 40 कुएँ और दर्जनों ताल-तलैये(गड़ही)थे , जो भू- माफियाओं ने कब्जा करके जमीदोज कर दिए और उनका नामोनिशान मिटाकर अपने घर मकान प्रतिष्ठान बना लिए। लेकिन प्रशासन हमेशा ऐसे भू-माफियाओं की तरफदारी करता रहा और अपनी जेबें भरता रहा।
जबकि उच्चाधिकारियों द्वारा हवाहवाई आदेश दनदनाए जाते रहे। नगर का कोई ऐसा मोहल्ला नहीं है जिसमें कम से कम एक या 2 कुएँ और एक गड़ही नहीं थी। जबकि कस्बे के सर्वाधिक बड़े मोहल्ले पुरानी बाजार में करीब 5 कुएँ और कई गड़हियां थी ,जिसमें एक नगर पंचायत की सीमा अन्दर विशालकाय पक्का तालाब ज्ञानसरोवर अब भी है।
जो वर्तमान चेयरमैन के प्रयास से नागरिकों के सहयोग से साफ-सुथरा तो कराया गया था, लेकिन पिछले दो वर्षों में हुई बरसात और नगर में गंदे जलजमाव का पानी जाने के चलते बदबूदार हो गया है। अतिक्रमण का शिकार है। तालाब के पश्चिमी छोर पर मंदिर के आसपास अतिक्रमण करते करते अब अनेकों काफी लम्बी चौड़ी इमारत बनती जा रही है।
जिसे सत्ता संरक्षित भू- माफिया के सामने कोई रोंकने के लिए तैयार नहीं है।नगर पंचायत प्रशासन भी असहाय है ।और प्रशासन हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। यह तो मात्र बानगी भर है। बाँकी इलाके में भू- माफियाओं पर सिस्टम मेहरबान है। कस्बे में कुओं की कमी अक्सर शादी विवाह में वहुत खलती है।
कुँआबारे बाल्टियों में हो रहे हैं जो स्तिथि कमसेकम सूबे की मौजूदा सरकार की व्यवस्था पर तो वहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है।वहीं नगर क्षेत्र के अनेकों गड़हियों पर हुए अतिक्रमण की शिकायत विकलांग पार्टी के जिलाध्यक्ष टीपू द्वारा शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद सम्बंधित राजस्व अफसरों के कानों जूं तक भी नहीं रेंग रही है।