ढाई वर्ष पूर्व मृत घोषित महिला को पुलिस ने जिन्दा बरामद किया

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। ढाई वर्ष पूर्व कथित रूप से जलाकर मारी गयी महिला को पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर जीवित खोज निकाला। इस दौरान चार प्रभारी निरीक्षकों ने विवेचना की लेकिन मामले की तह तक कोई नहीं पहुंच पाया। वर्तमान प्रभारी राजेश सिंह ने विवेचना का एंगल चेंज किया तो हकीकत सामने

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। ढाई वर्ष पूर्व कथित रूप से जलाकर मारी गयी महिला को पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर जीवित खोज निकाला। इस दौरान चार प्रभारी निरीक्षकों ने विवेचना की लेकिन मामले की तह तक कोई नहीं पहुंच पाया। वर्तमान प्रभारी राजेश सिंह ने विवेचना का एंगल चेंज किया तो हकीकत सामने आ गयी और महिला गैर प्रान्त में जीवित मिली। पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक आनन्द कुलकर्णी ने खुलासा करने वाली टीम को 10 हजार से पुरस्कृत किया

और सभी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।ज्ञात हो कि गत 22 मार्च 2018 को सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला जुराखनखेड़ा निवासी योगेन्द्र कुमार पुत्र राजेन्द्र कुमार ने मोहल्ले के प्रमोद वर्मा पुत्र जगदीश वर्मा पर अपनी पत्नी को भगा ले जाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करायी कि 8 मार्च 2018 को करीब चार बजे प्रमोद उसकी पत्नी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। उसके 12 दिन बाद 2 अप्रैल 2018 को आसीवन थाना शेरपुर कलां गांव के पास एक अज्ञात युवती का जला हुआ शव पुलिस ने बरामद किया था।

गांव के किशनपाल पुत्र रघुनंदन ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराकर शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की जलकर मौत होने की पुष्टि हुई। 27 मई 2018 को मृतका की पोटली, फोटो, कपड़े, चूड़ी आदि देखकर जुराखनखेड़ा निवासी योगेन्द्र कुमार, माता गायत्रीदेवी, बहन महिमा, प्रेमादेवी, रमाकान्ती ने मृतक की पहचान योगेन्द्र की पत्नी के रुप में की। तत्कालीन थाना प्रभारी सियाराम वर्मा ने जांच शुरू की। इस दौरान प्रमोद वर्मा को आरोपी बनाया गया। विवेचक के स्थानांतरण के बाद निरीक्षक प्रभारी जयशंकर सिंह ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

दौरान विवेचना आरोपी के अनुसार महिला के एक दूसरे प्रेमी का नाम भी प्रकाश में आया। तत्पश्चात वर्तमान थाना प्रभारी राजेश सिंह ने जांच की कमान सम्भाली और उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मृतक महिला उसकी पुत्री गौरी व अन्य परिजनों की कोर्ट से डीएनए कराने की मांग की। न्यायालय के आदेश पर पुलिस द्वारा मृतका व बताये गये सभी लोगों का डीएनए हुआ लेकिन मृतका का डीएनए परिवार से मेल नहीं खा रहा था। जिसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर महिला की खोज शुरू की। प्रभारी निरीक्षक श्री सिंह ने बताया

कि मुखबिर की सूचना पर महिला को बङा चैराहा मियागंज से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने पुलिस टीम को दस हजार रुपये का इनाम देने की संस्तुति शासन को भेज दी है और टीम के सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

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