कटरी क्षेत्र के गांवों में धड़ल्ले से चाय-पान की दुकानो से बिक रही मिलावटी शराब

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। प्रदेश में कच्ची शराब के कुटीर उद्योग के लिए कुख्यात जनपद में इन दिनो सरकारी देशी तथा मिलावटी शराब ठेको से नहीं बल्कि परचून तथा चाय-पान की दुकानो से भी प्राप्त की जा सकती है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि ग्रामीणांचलो से आयी तस्वीरे बयां कर रही हैं। जहां पानमसाला

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। प्रदेश में कच्ची शराब के कुटीर उद्योग के लिए कुख्यात जनपद में इन दिनो सरकारी देशी तथा मिलावटी शराब ठेको से नहीं बल्कि परचून तथा चाय-पान की दुकानो से भी प्राप्त की जा सकती है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि ग्रामीणांचलो से आयी तस्वीरे बयां कर रही हैं। जहां पानमसाला की दुकान से शराब का पौवा आसानी से खरीदा जा सकता है।ज्ञात हो कि उन्नाव का कटरी क्षेत्र कच्ची शराब के लिए पूरे प्रदेश में कुख्यात है। चुनावी मौसम में यहां धधकने वाली शराब भठ्ठियों की संख्या चैगुनी हो जाती है।

वर्तमान में बांगरमऊ विधानसभा में उपचुनाव होने वाला है। जिसके चलते क्षेत्र में कच्ची तथा देशी सरकारी शराब ठेको के बजाय चाय-पान तथा परचून की दुकानो से बिकने लगी है। जहां एक ओर जिला प्रशासन बांगरमऊ उपचुनाव को शांतिपूर्ण कराने के लिए गंभीर है वहीं दूसरी ओर आबकारी विभाग की मिलीभगत से कटरी के ग्रामीणांचलो में सरकारी मिलावटी शराब का यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। बांगरमऊ कटरी के लगभग एक दर्जन गांवों में सरकारी ठेके से बिकने वाली देशी शराब परचून की दुकान तथा जनरल स्टोर से आसानी से खरीदी जा सकती है।

यही नहीं समाज को विषाक्त करने वाले इस धीमे जहर को बेचने का कार्य हमारी भावी पीढ़ी कर रही है जो धीरे-धीरे स्वयं इसके गर्त में समाती जा रही है। वैसे कच्ची जहरीली शराब के चलते जिले में हुई कई घटनाएं बानगी रही हैं कि मिलावटी शराब का कहर कैसा होता है परन्तु आबकारी विभाग को इन सब बातो से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें तो बस अपनी मोटी माहवारी चाहिए। अगर मिल गयी तो बेचने की छूट और नहीं मिली तो चालान वो भी ले-देकर छोड़ने की प्रक्रिया तक। कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि बांगरमऊ उपचुनाव के दौरान आबकारी विभाग की लापरवाही किसी बड़े हादसे की ओर इंगित कर रही है।

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