विद्यालय के प्रिंसिपल छात्र को जेल भेजने की दे रहे धमकी, छात्र के बयान का वीडियो वायरल।
संतोष तिवारी (रिपोर्टर )
भदोही।
सरकार भले ही भ्रष्टाचार के लिए सख्त होने की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। और इसका उदाहरण स्थानीय स्तर पर देखा जाता है। और इसकी वजह अधिकारियों की मिलीभगत व लापरवाही है। क्योंकि मामले को न जानने पर कार्यवाही न हो तो अलग बात है लेकिन मामले की जानकारी होने पर अधिकारी कार्यवाही न करे तो इसे क्या कहा जाये?
एक ऐसा ही मामला भदोही जिले के औराई क्षेत्र के घोसिया में देखने को मिल रहा है। जहां दो निजी विद्यालयों की मिलीभगत और लापरवाही से एक छात्र परेशान है लेकिन जानकारी होने के बावजूद भी जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी विद्यालयों पर कार्यवाही करने से बच रहे है। और अब तो एक विद्यालय के प्रिंसिपल छात्र को जेल भेजने की धमकी भी दी है। और इस बात का खुलासा छात्र ने खुद एक वायरल वीडियो में किया है।
मालूम हो कि घोसिया में शुभम कान्वेंट स्कूल है। जहां पर सिऊर निवासी दयाशंकर दुबे का पुत्र आठवीं का छात्र था। विद्यालय के संचालक विनोद बरनवाल ने छात्र के अभिभावक से सीबीएसई पैटर्न के नाम पर मनमानी शुल्क वसुलते रहे और कक्षा सात तक छात्र को सीबीएसई पैटर्न की मार्कशीट दी लेकिन आठवीं के बाद शुभम कान्वेंट स्कूल के संचालक ने कई महिने तक टीसी मार्कशीट देने लिए बहाना करते रहे
लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद शुभम कान्वेंट स्कूल के संचालक ने छात्र को आठवीं पास करने पर अपने विद्यालय का टीसी मार्कशीट न देकर घोसिया में स्थित आदर्श बाल शिक्षा निकेतन का टीसी और मार्कशीट दे दी। जब छात्र और परिजन ने इसका विरोध किया तो शुभम कान्वेंट स्कूल के संचालक विनोद बरनवाल ने कहा कि अब यह आपकी समस्या है मुझे जो करना था कर दिया।
इस हिन्दी माध्यम का टीसी मार्कशीट लेकर छात्र और उसके परिजन परेशान है। किसी भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में छात्र का नाम लिखाने में दिक्कत हो रही है क्योकि उसके पास सीबीएसई की जगह हिन्दी मीडियम का टीसी और मार्कशीट है।
परेशान होकर छात्र के पिता दयाशंकर दुबे ने अपनी बात सोशल मीडिया पर वायरल की और वीडियो वायरल होने पर विभिन्न अखबार और चैनल में खबर को प्रमुखता से जगह दी गई। इस खबर को प्रकाशित और प्रसारित होने पर दोनो विद्यालय शुभम कान्वेंट स्कूल और आदर्श बाल शिक्षा निकेतन घोसिया के संचालक परेशान हो गये और मामले को रफा दफा करने के लिए अपना दमखम लगा रहे है।
लेकिन इसी बीच रविवार को छात्र आकाश दुबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें छात्र स्पष्ट रूप से आदर्श बाल शिक्षा निकेतन के प्रिंसिपल विनोद पाण्डेय पर बार बार फोन करके टार्चर करने और जेल भेजने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
छात्र ने वीडियो में कहा कि आदर्श बाल शिक्षा निकेतन के प्रिंसिपल विनोद पाण्डेय शिकायत वापस लेने की धमकी देते है, न लेने पर जेल भेजने की बात करते है, फोन पर टार्चर करते है। या पैसा लेकर मामले को रफा दफा करने की बात करते है।
अब यहां सवाल उठता है कि बीते एक हफ्ते से यह मामला खबरों में चल रहा है लेकिन कोई कार्यवाही न हुई। जबकि यह मामला जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में है। और बच्चे के साथ न्याय होने की कौन कहे अब मामला को रफा दफा करने की धमकी भी मिल रही है।
क्या इसके पीछे विद्यालय संचालकों की पकड है या शिक्षा विभाग की लापरवाही? जो मामले को जानते हुए भी मौन है जिम्मेदार अधिकारी। यदि इसी तरह विद्यालय संचालकों की मनमानी व लापरवाही का समर्थन करेंगे शिक्षा विभाग के लोग तो आखिर अभिभावक और छात्रों के साथ न्याय कैसे होगा।