कोविड-19 महामारी का दंश झेल रहे गरीब मजदूरों को नहीं मिल रहा मनरेगा का लाभ-शहनाज बानो ।

कोविड-19 महामारी का दंश झेल रहे गरीब मजदूरों को नहीं मिल रहा मनरेगा का लाभ-शहनाज बानो । ए •के • फारूखी (रिपोर्टर ) ज्ञानपुर,भदोही:- मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान की कार्यक्रम प्रबंधक शहनाज बानों ने कहा कि कोविड-19 दुनिया भर में जाहिर तौर पर सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय साबित हुआ है ।

कोविड-19 महामारी का दंश झेल रहे गरीब मजदूरों को नहीं मिल रहा मनरेगा का लाभ-शहनाज बानो ।

ए •के • फारूखी  (रिपोर्टर )

ज्ञानपुर,भदोही:-

मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान की कार्यक्रम प्रबंधक शहनाज बानों  ने कहा कि कोविड-19 दुनिया भर में जाहिर तौर पर सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय साबित हुआ है । यह वैश्विक महामारी न केवल चिकित्सा संबंधी एक गंभीर चिंता है , बल्कि सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय साबित हुआ है।यह वैश्विक महामारी न केवल चिकित्सा संबंधी एक गंभीर चिंता है बल्कि सभी के लिए मिश्रित भावनाएं और मनो-सामाजिक तनाव भी लाता है ।

ऐसे में  दिहाड़ी मजदूर  वनवासी समुदाय  महिला  विकलांग एवं  वन भूमि में रहने वाले  मजदूर  इसकी मार झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों व महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के बाद भी उनमें मानसिक स्वास्थ्य चिंताएं दिखने लगती हैं। और वे इस माहौल में भावनात्मक और व्यवहार संबंधी बदलावों के साथ तनाव,चिंता और भय के उच्चतम स्तर का अनुभव कर सकते हैं।उक्त बातें श्रीमती शहनाज बानों ने बुधवार को एक प्रतिष्ठान में प्रेस प्रतिनिधियों से प्रेस वार्ता के दौरान कहीं।

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       उन्होंने कहा कि देश में मार्च 2020 के बाद लगातार लाक डाउन होने के कारण हजारों मजदूर विभिन्न राज्यों से काम के अभाव के कारण अपने घर लौटे हैं । प्रवासी मजदूरों को उनके गांव में ही काम मिलने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लागू की गई । लेकिन इस प्रयास का लाभ गरीबों के पास तक नहीं पहुंच पा रहा है। लोग काम के अभाव के कारण कर्ज में डूबे हुए हैं ।

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जिससे उनको बंधुआ में फंसने का खतरा है । उन्होंने बताया कि मजदूरों की समस्याओं के आकलन के लिए ह्यूमन लिबर्टी नेटवर्क की पार्टनर संस्था मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान एवं आजाद शक्ति अभियान द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश के 4 जिलों वाराणसी, भदोही, चंदौली और मिर्जापुर के 7 ब्लॉक सहित 40 गांव में एफजीडी के माध्यम से सर्वे किया गया।

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जिसमें कुल 27. 541 घरों को शामिल किया गया। एफजीडी प्रक्रिया में60% दलित/अनुसूचित जाति , 30 % अत्यंत पिछड़ा वर्ग व 10% सामान्य जाति के लोग शामिल रहे । कहा कि मनरेगा में केवल केवल 35.5%मजदूरों को ही काम मिला है।जिसमें महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की अपेक्षा कम पाई गई है। पाया गया कि पिछले 4 महीनों में किसी भी प्रवासी मजदूर और गांव के मजदूर ने 30 दिन से अधिक का काम नहीं किया ।

कोविड-19 महामारी का दंश झेल रहे गरीब मजदूरों को नहीं मिल रहा मनरेगा का लाभ-शहनाज बानो ।

योजना के अनुसार सभी को 125 दिन का काम मुहैया कराना था । परंतु सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद भी 125 दिन तो क्या 30 से अधिक का भी काम नहीं मिल रहा है ।अध्ययन में पाया गया कि 50% मजदूरों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के बारे में जानकारी ही नहीं है। और 30%  मजदूर ऐसे हैं, जिनको गांव में काम न मिलने के कारण अब फिर से शहरों की तरफ लौट रहे हैं ।

15% मजदूरों को उनके काम के बजाय मनरेगा में निर्धारित मजदूरी भी नहीं मिली है। कहा कि मजदूरों के पास आय का कोई साधन न होने के कारण उन्हें मौजूदा स्थिति में फंसने का खतरा है। इस अवसर पर बंधुआ मजदूर से मुक्त श्रमिकों के संगठन “आजाद शक्ति अभियान” के जिला संयोजक ने कहा कि सरकार ने मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य मनरेगा योजना चलाई थी।

लेकिन मनरेगा के काम से दलित व मुसहर समुदाय सर्वाधिक वंचित है । उन्होंने राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा कि मनरेगा में काम की मांग के आवेदन को लिखित रूप से लिया जाय। जिससे लाभार्थी को योजना में बेरोजगारी भत्ते के प्रावधान का लाभ मिल सके। मनरेगा गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत गांव में जरूरतमंद और समस्याओं के मैपिंग के करने के लिए सरकार को डीआरडीए व रोजगार सेवक को निर्देश जारी करना चाहिए।

तथा  सरकार को प्राथमिकता के आधार पर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रोजगार दिवस पर एक सोशल ऑडिट अवश्य आयोजित किए जाएं,और इसके लिए रोजगार सेवक को जिम्मेदार बनाना चाहिए।मनरेगा नोडल अधिकारी को यहसुनिश्चित करना चाहिए कि मनरेगा में जितने भी लम्बित भुगतान है ।उसको प्रार्थिमिकता के आधार पर भुगतान कराना सुनिश्चित करें ।

मनरेगा में संपूर्ण दिवस (100 दिन) का कार्य दिया जाए, व मनरेगा में मजदूरी बाजार भाव के अनुसार ही दिया जाए  मुसहर समुदाय के शत-प्रतिशत लोगों को प्राथमिकता दिया जाए। प्रेस वार्ता के दौरान उमाशंकर, अजय कुमार, मुनीब आदि ने बताया आजाद शक्ति द्वारा यह मंगलवार को मा0सांसद प्रतिनिधि भदोही के अलावा विधायकों को पत्र प्रेषित कर अवगत करा दिया गया है।

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