स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। कोरोना महामारी के संकटकाल में प्रवासी मजदूरो के लिए सरकार ने अति महत्वाकांक्षी गरीब कल्याण योजना में मनरेगा के तहत सोलह लाख रुपये से बकरी पालन व कैटल टीनशेड बनाकर दो दर्जन लाभार्थियो को रोजगार दिया गया। जिसके सत्यापन के लिये डीसी मनरेगा ने गांव पहुंचकर निरीक्षण किया।हसनगंज विकास खंड के अन्तर्गत संकटकाल के दौरान सरकार द्वारा बाहर रह रहे प्रवासी मजदूरो को रोजगार देने के लिये ग्राम पंचायत मूसेपुर में बकरी पालन व कैटल शेड के निर्माण में धांधली की ग्रामीणो की शिकायत पर डीसी मनरेगा जाँच के लिये गये।
इस दौरान ग्रामीणो द्वारा कई आरोप लगाए गए लेकिन डीसी मनरेगा ने जांच में सब ठीक ठाक पाकर मानक व गुणवत्ता सही पाया। जिसमें सभी 22 बकरी पालन मौके पर बने मिले दो सदस्यीय जाँच टीम ने जाँचकर जिलाधिकारी को फाइल भेजने का ग्रामीणो को भरोसा दिलाया। कोरोना काल में जाँच के दौरान प्रवासी मजदूर प्रताप पुत्र स्वामीए सजीवन लाल पुत्र महाबीरए केशन पुत्र पुत्तूए अवधेश पुत्र रामपालए कलावती पत्नी बेचेलाल, राजश्री पुत्र सुंदरलाल, बुद्धि पुत्र गुरुदीन, रामकुमार पुत्र श्रीराम, शेरबहादुर पुत्र सुखबीर, दिलीप पुत्र रामनाथ, पंकज पुत्र पृथ्वी आदि कुल 22 प्रवासी मजदूरो को रोजगार दिया
गया जिनमे 16 कैटल प्रवासी मजदूरो को कैटल शेड पालन के तहत 75 हजार रुपये व 6 बकरी पालन शेड में 70 हजार रुपए का लाभ देकर रोजगार दिया गया। मूसेपुर ग्राम प्रधान आशीष तिवारी ने बताया कि सरकार की योजना को निर्वतमान बीडीओ केएन पाण्डेय ने ऐसे प्रवासी मजदूरो की लिस्ट तैयार कर रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए ब्लाक स्तर पर पहली शुरूआत की थी जिसकी राजनीतिक लोगो ने मौके पर कई बकरी पालन न बनने की शिकायत एसडीएम से की है।