डीसी मनरेगा को बल्लियों के सहारे मिले नवनिर्मित बकरी व भैंस बाड़े

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। ब्लॉक हसनगंज के मूसेपुर गांव में स्थान्तरण के बाद तत्कालीन बीडीओ केएन पांडेय पर मनरेगा के आधे-अधूरे कार्यो को पूर्ण दिखाकर 16 लाख 3 हजार का भुगतान करने की शिकायत पर एसडीएम प्रदीप वर्मा ने नायब तहसीलदार मंजुला मिश्रा से 30 अगस्त को जांच कराई जिसमें शिकायत सही मिलने पर एसडीएम

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। ब्लॉक हसनगंज के मूसेपुर गांव में स्थान्तरण के बाद तत्कालीन बीडीओ केएन पांडेय पर मनरेगा के आधे-अधूरे कार्यो को पूर्ण दिखाकर 16 लाख 3 हजार का भुगतान करने की शिकायत पर एसडीएम प्रदीप वर्मा ने नायब तहसीलदार मंजुला मिश्रा से 30 अगस्त को जांच कराई जिसमें शिकायत सही मिलने पर एसडीएम ने रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी थी। जिसके एक हफ्ते बाद जिले से डीसी मनरेगा राजेश कुमार झा और सहायक अभियंता लघु सिंचाई विभाग प्रमोद तिवारी ने बकरी बाड़ा, भैंस बाड़ा आदि की जांच की।

जिनके साथ ब्लॉक से बीडीओ पंकज कुमार व एपीओ मौजूद रहे।जांच में बकरी और भैंस बाड़े की रंगाई पुताई देखकर साफ पता चल रहा था कि ये कार्य नायब तहसीलदार की जांच के बाद आनन-फानन में करा दिए गए हैं जिसमंे कई बाड़ो में बल्लियों के सहारे टीनशेड लगे मिले जिनमंे हुक भी नही लगा मिला। जबकि कई बाड़ो की रंगाई-पुताई नही मिली, ना ही उनमें पशु मिले जिससे यह साफ पता चल रहा कि जांच के बाद खुलासा होने पर पर्दा डालने के लिए बाड़े बनाकर कार्यवाई से बचने की कोशिश की गई।


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इनमें दिखी अनियमत्तायें


कमला देवी के बकरी बाड़े में बकरी की जगह भुट्टे और बर्तन रखे मिले तथा जमीन में कच्चा के बजाय पक्का प्लास्टर मिला जिससे प्रतीत होता है कि बकरी की जगह इंसानों के रहने के लिए बना हो। केशन का बाड़ा उसके डेढ़ बीघे की बाग में बना मिला। संतू का बाड़ा अभी भी अपूर्ण है जिसमे एक भी मवेसी नही मिला। शेरबहादुर का कैटल शेड घर के अंदर 4 फीट ऊँचाई पर बना मिला। इसके अलावा किसी भी कैटल व बकरी शेड में पाइप व बाइंडिंग का काम नही हुआ। ग्रामीणों के अनुसार बकरी बाड़े और भैंस बाड़े भी अपात्रों को दिए गए हैं।


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स्थान्तरण के बाद अधूरे कार्यों का किया भुगतान


स्वतंत्र प्रभात उन्नाव। तत्कालीन हसनगंज बीडीओ केएन पांडेय का स्थान्तरण 24 अगस्त को हो गया था जिसके बावजूद उन्होंने मूसेपुर में मनरेगा से कराए गए अपूर्ण कार्यों को पूर्ण दिखाकर 16 लाख 3 हजार का भुगतान कर दिया था। डीसी मनरेगा राजेश कुमार झा ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण किया गया है। जिसमंे किये कार्य मिले हैं जिनमंे कई में बल्लियां लगी थी। कुछ में रंगाई-पुताई नही की गई है। रात होने की वजह से अभिलेखों की जांच नही कर पाए हैं। अभी रिपोर्ट नही बनाई है। एक बाडा बाग में बना मिला है। एसडीएम प्रदीप वर्मा ने बताया कि जब नायब तहसीलदार ने जांच की थी तब आधे अधूरे कार्य मिले थे। एक हफ्ते में बनवा दिए होंगे।

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