बाराबंकी की टॉप 5 ख़बरे

पंछी संरक्षण सेवा संस्थान के प्रयासों से पंछियों को मिल रहा है जीवन। संवाददाता : सुधीर शर्मा त्रिवेदीगंज बाराबंकी। राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार से जुड़ी कई खबरें आपने सुनीं होगीं, लेकिन हम आपको एक ऐसे क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर मोरों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है

पंछी संरक्षण सेवा संस्थान के प्रयासों से पंछियों को मिल रहा है जीवन।

बाराबंकी की टॉप 5 ख़बरे

संवाददाता : सुधीर शर्मा


 त्रिवेदीगंज बाराबंकी। राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार से जुड़ी कई खबरें आपने सुनीं होगीं, लेकिन हम आपको एक ऐसे क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर मोरों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है अन्य पंछियों की अपेक्षा कहीं ज्यादा है क्षेत्र में मोर सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर पंछी संरक्षण सेवा संस्थान के अध्यक्ष आनंद कुमार सजग हैं। उनकी सजगता का ही परिणाम है कि आज इस क्षेत्र में मोरों की संख्या गांव की अन्य पंछियों की  जनसंख्या से भी ज्यादा हो चुकी है।  बाराबंकी जिले के त्रिवेदीगंज क्षेत्र में आपको बड़ी संख्या में मोर देखने को मिल जाएंगे। जिले के  इस क्षेत्र में इतने मोर हो गए हैं, जितनी यहां अन्य पंछियों की आबादी है। आलम ये है कि घर कि छत हो खेत खलिहान, पेड़ हों या गलियां, हर जगह आपको मोर आसानी से घूमते हुए नजर आ जाएंगे। आखिर कैसे बढ़ गई मोरों की संख्या?
मोरों की संख्या बढ़ने का सबसे पहला कारण यह है कि यहां पर उनकी देखभाल के लिए संस्था अध्यक्ष व संस्था के सभी सदस्य मोरों की सुरक्षा के प्रति सजग हैं। क्षेत्र में और आसपास के इलाकों में कोई भी मोर का शिकार नहीं करता है और न ही करने देता है। मोरों को पिछले कई सालों से इस इलाके में गांव वाले संस्था की प्रेरणा से ही मोरो को संरक्षित करते चले आ रहे हैं, यही वजह है कि इलाके में मोरों की संख्या बढ़ती जा रही है।वैसे इसका एक और बड़ा कारण है। चूंकि ये शहरी क्षेत्र से थोड़ा दूर है, इसलिए मोर सुरक्षित रहते हैं। दूसरी बात गांव के आसापास पाकड़ गूलर पीपल बरगद आम जामुन महुआ के ज्यादा विशालकाय पेड़ हैं, वहीं बड़ी संख्या में तालाब भी हैं, जिनसे मोर के पर्यावास के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिल जाती हैं। हरियाली और बेहतर वातावरण की वजह से मोर को उसके खाने के लिए भोजन भी उपलब्ध हो जाता है, जिसकी वजह से उनका ये आवास अब स्थायी होता जा रहा है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
जैसा कि हमने आपको बताया है कि क्षेत्र में हजारों की संख्या में मोर हैं। क्षेत्र में मोरों के लिए अनुकूलित स्थान बनता जा रहा है, वहीं संस्थान अध्यक्ष के साथ-साथ सभी सदस्य भी मोरों के निवास स्थान को उनके बेहतर पर्यावास में परिवर्तित करने के बारे में अपनी तैयारियां कर रहे है।


मामूली बात को लेकर दबंगो ने दो सगी बहनों की जमकर की पिटाई ।

ब्यूरो रिपोर्ट

बाराबंकी – एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के दावे कर रही है लेकिन दूसरी तरफ महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और हमले कम होने का नाम नही ले रहे है जो प्रदेश की योगी सरकार पर सवालिया निशान लगा रहे है क्योकि महिलाओं की सुरक्षा के दावों की पोल खोलने वाला एक मामला सामने आया है जहाँ पर खेत में काम कर रही दो सगी बहनों पर गांव के ही दबंगो ने हमला बोल दिया  जिससे दोनों को गंभीर चोटें आई हैं। जनपद बाराबंकी के कोतवाली बदोसराय क्षेत्र के ग्राम रामसहाय का जहा अपने खेत मे शाम के समय दो सगी बहने शालिनी व चांदनी काम कर रही थी वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी के खेत में जानवर चले जाने को लेकर कहासुनी हो गई जो दबंगो को नागवार गुजरा और फिर क्या था दबंगो ने दोनों पर  हमला कर दिया जिससे 16 वर्षीय शालिनी के शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं तथा उसके  दाहिने हाथ की एक उंगली भी कट गई है दूसरी बहन चांदनी को भी  चोटे आई हैं  शालिनी ने गांव के ही 5 लोगों पर मारने पीटने  तथा छेड़छाड़ के प्रयास का भी आरोप लगाया है। लड़कियों के शोर मचाने से गांव वालों ने पहुंचकर उन्हें बचाया और डायल 112 पर सूचना दी  दोनों बहनों को सीएचसी सिरौलीगौसपुर में भर्ती कराया गया है जहां पर उनका इलाज चल रहा है वहीं पर कोतवाली पुलिस ने पहुंचकर पीड़ितों के बयान दर्ज किए हैं। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर जगदीश ने बताया की लड़कियों को कई जगह चोटें आई हैं जिसमें  शालिनी के एक दाहिने हाथ की उंगली भी कट गई है दोनों बहनों का इलाज किया जा रहा है तो वही दूसरी तरफ पुलिस पीड़िता के द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर पूरे मामले की जांच कर रही है। अब सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर कब तक इसी तरफ महिलाओं पर हमले और अत्याचार का सिलसिला चलता रहेगा सरकार लाख दावे करले लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल परे है अपराधियो के हौसले लगातार बुलंद होते चले जा रहे है अब देखने वाली बात ये होगी कि आखिर पुलिस इस पूरे मामले को लेकर क्या कुछ कारवायी करती है ।
 

बाराबंकी पुलिस ने बैगर हैलमेट चालकों पर की कार्यवाही।

ब्यूरो रिपोर्ट

बाराबंकी : ट्रैफिक नियमों का उलंघन कर अगर आप बीजेपी का झंडा लगाकर चल रहे है तो आज ही आप सावधान हो जाए क्योंकि बाराबंकी पुलिस सख्त हो गयी है। बाराबंकी जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी द्वारा पुलिस अफसरो के साथ अचानक देर शाम शहर के पटेल और नाका सतरिख चौराहे पर पहुँचकर वाहन चेकिंग अभियान लगवा दिया। इस दौरान बिना हेलमेट, बिना सीटबेल्ट और बिना मास्क पहने लोंगो के खिलाफ एसपी के निर्देश पर कार्यवाही हुई। एसपी ने ट्रैफिक और कोविड के नियमों का उलंघन करने वाले बीजेपी के नेताओं के खिलाफ भी कार्यवाही की जो लोग बीजेपी का झंडा लगाकर वाहनों में काली फ़िल्म लगाकर चल रहे थे। पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी, एएसपी आरएस गौतम, और महिला सीओ सिटी भी मौके पर खड़े होकर पुलिस को कार्यवाही करने के निर्देश देती रही ।


सुंदरता एवं सुविधाओं में बडे शहरों को दे रहा मात यह गाँव।

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ब्यूरो रिपोर्ट :संदीप तिवारी


बाराबंकी – जनपद में पवैयाबाद एक ऐसा गांव है जो ज़िले में स्वच्छता की नज़ीर पेश कर बेहतर सुविधाओं से शहरों को टक्कर दे रहा है। करीब पांच हजार की आबादी वाले इस गांव में आरसीसी व इंटरलॉकिंग युक्त सड़के, चौराहों में सीसीटीवी कैमरे, बच्चों को सुंदर परिवेश के लिए चिल्ड्रेन पार्क, युवाओं के फिटनेस के लिए ओपन जिम के साथ गांव में वाईफाई की व्यवस्था व ग्राम सचिवालय की स्वच्छता व सुंदरता शहर के माहौल को मात दे रहा है। कुछ समय पहले इस गांव में जर्जर सरकारी भवन व टूटी-फूटी सड़कें ग्रामवासियों के जीवनयापन व विकास में बाधा साबित हो रही थी लेकिन केंद्र व राज्य सरकार की ग्राम उत्थान विकास संबंधित योजनाओं से पूरा गांव सुसज्जित हो गया है। और यह गांव ज़िले के अन्य गाँवो के लिए प्रेरणा स्रोत साबित हो रहा हैं। पवैयाबाद माडल गांव के संबंध में मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम ने बताया कि बाराबंकी जिले में कई गांव को माडल गांव में विकसित करने का काम बहुत तेजी से किया जा रहा है, इन माडल गांव में इंटरनेट के साथ वाईफाई की सुविधा, सीसी टीवी कैमरे होंगे लाउडस्पीकर, गांव की खुद की वेबसाइट होगी, पंचायत भवन में कम्प्यूटर सेंटर होगा, युवाओं के लिए जिम की व्यवस्था के साथ बच्चों के लिए इंग्लिश मीडिया स्कूल होंगे पूरे गाव की साफ सफाई के लिए जगह जगह डस्टबिन रखे होंगे पार्क आदि की सुविधाओं से लैस बाराबंकी जिले में कई माडल गांव होंगे अभी तक तीन माडल गांव बन गए है जो कि जिले के अलावा प्रदेश में प्रधानों के लिए प्रेरणा स्रोत साबित हो रहा हैं। गांव के स्थानीय युवाओं का कहना है कि साल भर पहले शाम होते ही गांव अंधेरे के आगोश में समा जाता था। मगर अब पूरा गांव विकास के उजाले से चकाचौध हो गया है और हमारी जिंदगी बदल गई है। पहले बरसात में घर तक पहुंचना मुश्किल होता था। अब तो घर तक पक्की सड़क बन गई है। पूरे गांव में पक्की नालियां बन गई हैं। जैसा पहले शहरों में देखा करते थे अब वैसा तो हमारा गांव ही हो गया है।


 प्रधान की मनमानी के चलते हो रहे है मानकविहीन निर्माण।

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संवाददाता : सुधीर शर्मा

त्रिवेदीगंज – बाराबंकी जिले के ब्लाक  त्रिवेदीगंज क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोलहदा के जगपुरवा गांव में प्रधान की लापरवाही से मासूम की जान बाल-बाल बची। ग्राम प्रधान द्वारा लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए रुपयों कि मांग की जा रही है। सरकारी योजनाओं को ग्राम प्रधान ने अपना बिजनेस बना रखा है। ग्रामीणों को सरकारी योजनाएं पाने के लिए पहले प्रधान की जेब भरनी पड़ती है।

अगर जेब गरम तो काम पक्का,अगर जेब ना भरी तो काम नहीं किया जाएगा। पूरे गांव में विकास के नाम पर खानापूर्ति की गई है और ग्राम प्रधान व अधिकारियों की मिलीभगत से सिर्फ कागजों पर विकाश किया गया है। जबकि प्रधान द्वारा जो भी कार्य किया है वो भी टिकाऊ नहीं है। और मानक विहीन तरीके से कार्यों को करवाया गया है। अगर जमीनी हकीकत देखी जाए तो गांव में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया है,न खण्डजा,न शौचालय,और न तो नल ही लगवाया गया है।

जहां एक तरफ सूबे कि सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई को लेकर विशेष ध्यान दे रही है। तो वहीं बाराबंकी जनपद के त्रिवेदीगंज छेत्र के ग्राम पंचायत कोलहदा के ग्राम प्रधान के द्वारा खुलेआम पलीता लगाया जा रहा है। सरकार की योजनाओं से आज भी बहुत सी ग्राम पंचायतों के ग्रामीण वांछित है। 

    ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने कुल 100 शौचालय बनवाये है किंतु इसमें से एक भी शौचालय सही नहीं है किसी शौचालय की छत नहीं तो कहीं छत के नाम पर पटरे रखे है। तो कहीं सीट नहीं तो कहीं दीवार नहीं। नाम मात्र का विकास करके प्रधान अपनी जेब भर रहे है। उधर सरकारी योजनाओं का रुपया लेकर, इधर किसान से सरकारी योजनाओं को देने के नाम पर रुपया लेकर। प्रधान दोनों हाथों से जेब भरने में लगे हुए है। गावों का विकास हो या ना हो कागजों पर तो विकाश दिखाई दे रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग मरे या जिए इससे ग्राम प्रधान को कोई मतलब नहीं है प्रधान को तो सिर्फ पैसे चाहिए। वहीं गांव की ही महिला उर्मिला पत्नी राम मनोहर, किरन पत्नी लल्लन,सीमा पत्नी शिवकुमार,निर्मला पत्नी हरिओम,राम बरन गिरी व राम मनोहर ने बताया कि ग्राम प्रधान के द्वारा जो शौचालय निर्माण करवाए गए है वह पूरी तरह से निष्क्रिय पड़े हुए है। हैंडपंप के लगवाने के गड्ढा तो खुदवाया गया पर आज तक हैंडपंप नहीं लगवाया गया जब ग्रामीणों ने हैंडपंप लगवाने को कहा तो प्रधान ने पैसे की डिमांड कर दिया  जब ग्रामीणों ने पैसा नहीं दिया तो हैंडपंप नहीं लगवाया गया और ना ही उस गड्ढे को बंद किया गया।

जो कि खुला पड़ा गड्ढा बड़ी घटना घटित होने की दावत दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में गड्ढे में पानी भर जाता है जो कि छोटे बच्चो के लिए खतरनाक साबित हो रहा है कुछ दिन पूर्व उसी गड्ढे में एक बच्चा गिर गया था पास में लोगो के होने से बड़ी घटना घटते घटते बची कहीं प्रधान की लापरवाही इन मासूम बच्चो को न चुकानी पड़े।प्रधान की बेशर्मी तो तब सामने आयी जब किसानों से रूपये लेकर भी काम नहीं किया।नल बनवाने को कहा और गड्डा भी खुदवाया किंतु जब किसान ने रुपया नहीं दिया तो उस गड्डे को खुला छोड़ दिया।

इस गड्डे में एक मासूम गिरने से बचा।बारिश के दिनों में ये गड्डा और खतरनाक हो सकता है।किंतु प्रधान के काम पर जूं ना रेंग रही।प्रधान की एक और विकास बेशर्मी सामने आयी।जिन किसानों से रुपये लेकर शौचालय बनवाये उसकी भी दीवार आंधी में गिर गई,दीवार गिरने से एक बच्चा नीचे आने से बाल- बाल बचा।आंधी मे शौचालय पर छत के नाम पर रखे पटरे उड़ गए।किसानों का जीवन तो ऐसा हो गया है,कि सरकारी योजनाएं ले तो जान पर बनी है ना ले तो भी जान पर बनी।ग्रामीणों का आगे कहना है कि शौचालय को लेकर जब कोई जांच करने आता है उसे एक शौचालय दिखाकर वापस भेज देते है

यदि हम लोग उस जांच अधिकारी से शिकायत करना चाहे तो गाली-गलोच पर आ जाते है। ऐसे में सरकार से ग्रामीणों का निवेदन है कि हम किसानों को जो सुविधाएं दे उसकी एक बार प्रत्येक किसान को मिलने वाली योजना की जांच अवश्य करवाए जिससे किसानों को उनका हक मिले,ऐसे एक-दो की जांच करके ना जाए। प्रत्येक मिलने वाली सुविधा के पूर्ण होने पर उसकी जांच जरूर करवाए,नहीं तो इस योजनाओं के मिलने से कोई लाभ नहीं।


नौजवान इस देश का भविष्य हैं – कांग्रेस

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ब्यूरो रिपोर्ट : संदीप तिवारी

बाराबंकी – कांग्रेस पार्टी के संगठन में युवाओं को प्राथमिकता दी जायेंगी, नौजवान इस देश का भविष्य हैं, बुजुर्गों के अनुभव तथा युवाओं की मेहनत से 2022 के विधानसभा के आम चुनाव में अहंकारी, धोखेबाज, किसान, मजदूर नौजवान विरोधी भाजपा सरकार से प्रदेश की जनता को निजात दिलाने का काम कांग्रेस पार्टी करेंगी।

उक्त उद्गार जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मो. मोहसिन ने आज संगठन सृजन अभियान के अन्तर्गत विकास खण्ड रामनगर तथा सिरौलीगौसपुर में कांग्रेस परिवार की बैठक में व्यक्त कियें, बैठक का संचालन विकास खण्ड रामनगर में महासचिव नेकचन्द्र त्रिपाठी तथा सिरौलीगौसपुर में दुर्गेश दीक्षित ने किया। बैठक में विशेष रूप से विधानसभा रामनगर प्रभारी महासचिव आदर्श पटेल तथा उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस के महासचिव ज्ञानेश शुक्ला के साथ-साथ रामनगर विकास खण्ड के प्रभारी सचिव डाॅ. शुऐब तथा सिरौलीगौसपुर विकास खण्ड के प्रभारी सचिव संजीव मिश्रा मौजूद थें।

उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस के महासचिव ज्ञानेश शुक्ला ने बैठक में कांग्रेस परिवार के सदस्यों का अभिवादन करते हुए कहा कि आज जनपद ही नही सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में कानून का राज खत्म हो गया, हर तरफ अपराधियों तथा अपराध का बोल बाला हैं। समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी भाजपा की बी टीम बन गयी हैं। सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में अगर भाजपा की तानाशाह योगी सरकार से टकराने का कोई पार्टी काम कर रही हैं तो वह कांग्रेस पार्टी हैं, आने वाला समय कांग्रेस पार्टी का हैं।

पूर्व विधायक राजलक्ष्मी वर्मा ने कांग्रेस परिवार के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में जंगलराज कायम हैं, अपराधी पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं। लूट, डकैती, बलात्कार, हत्या भाजपा की पहचान बन गयी हैं, इससे अगर जनता कोई छुटकारा दिला सकता हैं तो वह कांग्रेस पार्टी हैं।संगठन सृजन अभियान की बैठक को मुख्य रूप से पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा,  गौरी यादव, आदर्श पटेल, नेकचन्द्र त्रिपाठी, अम्बरीश रावत, दुर्गेश दीक्षित, संजीव मिश्र, डाॅ. शुऐब ने सम्बोधित किया। बैठक के अन्त में रामनगर बैठक के आयोजक मो. अकील तथा सिरौलीगौसपुर की बैठक के आयोजक परवेज अहमद ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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