कौलापुर-बदरी मार्ग पर फ्लाइट के भाडा से मंहगा टेम्पों का भाड़ा, प्रशासन मौन।

कौलापुर-बदरी मार्ग पर फ्लाइट के भाडा से मंहगा टेम्पों का भाड़ा, प्रशासन मौन। संतोष तिवारी (रिपोर्टर ) भदोही। यातायात नियमों का पालन कराने के लिए नगरीय क्षेत्रों में पुलिस के तरफ से चेकिंग अभियान चलाया जाता है। जिसमें लोगों के बाइक से सम्बन्धित कागजात, हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए चार्ज किया जाता है। और

कौलापुर-बदरी मार्ग पर फ्लाइट के भाडा से मंहगा टेम्पों का भाड़ा, प्रशासन मौन।

संतोष तिवारी (रिपोर्टर )

भदोही।

यातायात नियमों का पालन कराने के लिए नगरीय क्षेत्रों में पुलिस के तरफ से चेकिंग अभियान चलाया जाता है। जिसमें लोगों के बाइक से सम्बन्धित कागजात, हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए चार्ज किया जाता है। और पुलिस की सक्रियता से लोग बेशक अपने कागजात लेकर बडी ही सावधानी से चल रहे है। कभी कभी तो स्थिति ऐसी हो जाती है कोई आदमी किसी पडोसी की बाइक लेकर जरूरी काम के लिए बाजार या हास्पिटल जाता है और इसी बीच वह चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस के हत्थे चढ जाता है। और बेचारे का चालान कट जाता है। वह परेशान व्यक्ति और भी परेशानी में पड जाता है। हालांकि पुलिस और यातायात पुलिस की सक्रियता कही न कही लोगो के लिए सही ही साबित हो रही है और लोग जागरूक भी हो रहे है।

लेकिन यही यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिस टेम्पो चालकों पर कार्यवाही करते नजर नही आती है। और ये टेम्पो चालक यात्रियों से मनमानी भाड़ा वसूलते है। लेकिन प्रशासन के लोग मौन धारण किये हुए है। आलम यह है कि डीजल मूल्य वृद्धि के नाम पर यात्री इनके मनमानी के शिकार है। ग्रामीण क्षेत्र के कुछ मार्गों पर टेम्पो चालको की मनमानी इस कदर बढ गई है कि भाडा एक वसूली का जरिया बन गया है। ऐसे ही मामले गोपीगंज क्षेत्र के कौलापुर- बदरी मार्ग और जंगीगंज-सेमराध मार्ग पर टेम्पो व जीप चालकों की दबंगई से यात्री परेशान है। लेकिन प्रशासन के लोग बेखबर है या जानबूझकर मौन साधें है।

हालत यह है कि इन मार्गों पर यदि यात्री अधिक भाडा मांगे जाने पर विरोध करता है तो चालक झगडा करने पर उतारू हो जाते है और मनमाफिक भाडा न मिलने पर कभी कभी यात्री का सामान भी रख लेने की बात करते है। और यात्री विवशता वश मनमानी भाडा देता है। इन मार्गों पर यात्रियों से भाडा वसूलने का कोई भी निश्चित मानक नही है। कौलापुर से बदरी तक की दूरी लगभग दस किमी दूरी है और इस मार्ग पर तीन से पांच रूपये प्रति किमी की दर से वसूली होती है। जो दिल्ली से वाराणसी की फ्लाइट के भाडा से भी मंहगा है। इस वसूली के पीछे प्रमुख दो वजह है पहली वजह यह है कि इस तरह के ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस प्रशासन ध्यान नही देती है जिससे लोग मनमानी करते है तथा दूसरी बात यह है कि सभी टेम्पो और जीप चालक इसी रूट पर पडने वाले गांव के निवासी है जो स्थानीय होने की वजह से यात्रियों से मारपीट और दबंगई करने पर उतारू हो जाते है।

इस रूट पर टेम्पो या जीप में यात्रियों को इस कदर ठूंस कर बैठाया जाता है जैसे भूसा। दूसरी बात इन रूट पर चलने वाली टेम्पो या जीप का मानक भी पूरा है या नही यह तो प्रशासन ही जाने। यातायात नियमों की दुहाई देने वाला प्रशासन आखिर इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में लापरवाह क्यो बना है? आखिर इस तरह की लापरवाही से हुई किसी घटना का जिम्मेदार कौन होगा? प्रशासन आखिर क्यों निश्चित नही कर दे रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में टेम्पों का उचित भाडा? आखिर यात्री कब तक होते रहेंगे इसी तरह प्रताडित? इन टेम्पों चालकों पर नजर क्यों नही रख रहा है प्रशासन? आखिर इस तरह खुली छूट देने का कारण क्या है?

ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों की पीडा को प्रशासन समझकर मनमानी करने वाले टेम्पो और जीप चालकों पर कार्यवाही करना नितान्त आवश्यक है। क्योकि टेम्पों और जीप से अधिकतर कम आय वाले ही यात्रा करते है। जबकि सम्पन्न लोग अपनी बाइक या कार से आते जाते है। जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र के रूटों पर मनमानी का शिकार निम्न आय के लोग ही होते है। स्थानीय होने और प्रशासन की निष्क्रियता से टेम्पो चालक यात्रियों से मनमानी भाडा वसूली करते है। जो कही न कही यात्रियों के साथ अन्याय है। प्रशासन को इस तरह के मनमानी करने वालों पर कार्यवाही करना जरूरी है।

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