उमरे प्रयागराज मंडल में तेज हुआ सिग्नलिंग सिस्टम का आधुनिकीकरण।

उमरे प्रयागराज मंडल में तेज हुआ सिग्नलिंग सिस्टम का आधुनिकीकरण। स्वतंत्र प्रभात प्रयागराज उमरे प्रयागराज मंडल इनोवेटिव कार्यप्रणाली के लिए देश भर में जाना जाता है। इसी क्रम में संकेत एवं दूरसंचार विभाग द्वारा प्रयागराज मण्डल में रेलवे सिगनलिंग सिस्टम के आधुनिकीकरण का कार्य के साथ -साथ उसके संरक्षा का भी उपाय किया जा

‌उमरे प्रयागराज मंडल में तेज हुआ सिग्नलिंग सिस्टम का आधुनिकीकरण।

‌स्वतंत्र प्रभात

‌ प्रयागराज

‌उमरे प्रयागराज मंडल इनोवेटिव कार्यप्रणाली के लिए देश भर में जाना जाता है। इसी क्रम में संकेत एवं दूरसंचार विभाग द्वारा प्रयागराज मण्डल में रेलवे सिगनलिंग सिस्टम के आधुनिकीकरण का कार्य के साथ -साथ उसके संरक्षा का भी उपाय किया जा रहा है। सिग्नलिंग उपकरणों को आग से बचाने के लिए टूंडला ज० के दो ECU में फायर अलार्म सिस्टम लगाया गया है जो रीले रूम के अंदर आग लगने पर आग बुझाने में सक्षम तो है ही, यह तत्काल अलार्म बजाने के साथ – साथ संबंधित अधिकारिओं को SMS भी भेजता है। रीले रूम में आग लगने से संरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण सिगनल इंटरलौकिंग को भारी नुकसान हो सकता है। साथ ही, रेल परिचालन भी बुरी तरह से प्रभावित होता है। सिग्नल विभाग के इस कार्य से रीले रूम में आग लगने पर उसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकेगा।

‌ प्रयागराज मण्डल के मॉनसून प्रोन जोन में होने के कारण बड़े स्टेशन यार्ड में बरसात के दौरान जल भराव से ट्रैक सर्किट फेल हो जाता है तथा रेल परिचालन पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। सिग्नल विभाग द्वारा इस बाधा को दूर करने के लिए ऐसे सभी बड़े यार्ड में डी० सी० ट्रैक सर्किट के साथ एक्सल काउंटर लगाया जा रहा है। अलीगढ़ स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या – 01, 02, 03, & 04 पर डी० सी० ट्रैक सर्किट के साथ सिंगल सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर लगा कर डूअल डिटेक्शन का कार्य पूरा किया गया। इस सिस्टम में प्रत्येक बर्थींग ट्रैक के लिए दो एक्सल काउन्टर लगाए गए है जो ऑटो-रीसेट फीचर से लैस है। इसे विशेष परिस्थिति में मैनुअल रीसेट भी किया जा सकता है। इससे बरसात के मौसम में जलभराव के कारण अब डी० सी० ट्रैक फेल होने पर भी गाड़ियों का संचालन बाधित नही होगा।

‌रेल परिचालन में समयपालन एवं संरक्षा दोनों ही महत्वपूर्ण घटक है जिसे सुदृढ़ करने के लिए संकेत एवं दूरसंचार विभाग द्वारा श्री सौरभ श्रीवास्तव, सीनियर डीएसटीई कोऑर्डीनैशन प्रयागराज, के मार्गदर्शन में सिग्नलिंग सिस्टम मे लगातार सुधार किया जा रहा है।

‌ सिग्नल प्रणाली में लगातार सुधार लाने के क्रम में दीनदयाल उपाध्याय – प्रयागराज खंड के कैलहट स्टेशन के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को वार्म स्टैंडबाई से होट स्टैंडबाई में अपग्रेड किया गया है। अब दो में से किसी भी एक सिस्टम में किसी खराबी के आने पर सिग्नल प्रणाली बिना किसी रुकावट के लगातार कार्य करता रहेगा जबकि पहले ऐसा होने पर तीन मिनट का समय लगता था तथा स्टेशन के सभी सिग्नल के लाल हो जाने से अप एवं डाउन की गाड़ियां रूक जाती थी। सिग्नल विभाग के द्वारा किये गए इस कार्य से इस सेक्शन के ट्रेनों के समय पालन में सुधार तो होगा ही, EI सिस्टम के विफलता में भी कमी आएगी।

‌कैलहट स्टेशन लाइटिनिंग प्रोण जोन में है। लइटिनिंग से EI सिस्टम के बचाव के लिए इ० आई० रूम तथा स्टेशन मास्टर कक्ष के बीच सिस्टम कम्युनिकेशन को क़्वाड एवं ऑप्टो कपलर से हटाकर ओ एफ सी पर स्थानांतरित किया गया है। इसके आलावा भी कई और बदलाव किये गए हैं जिसमें स्टेशन मास्टर कक्ष के डोमिनो टाइप पैनल को हटाकर ४२ इंच के दो बड़े कंप्यूटर पैनल लगाया जाना शामिल हैं। ट्रेन ऑपरेशन के संचालन को और अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान रेलवे लाइन/ सिग्नल/ पॉइंट मशीन को रेल यातायात के विरूद्ध लॉक करने की व्यवस्था भी कंप्यूटर पैनल में ही उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही, सिग्नल प्रणाली के एकीकृत संचालन के लिए सभी तरह के मैनुअल स्विच एवम एम सी बी लिए कंप्यूटर पैनल में ही सॉफ्ट स्विच दिए गए हैं। इतना ही नहीं, अब कंप्यूटर पैनल द्वारा एक्सल काउंटर की अवस्था के साथ – साथ आई पी एस, ई एल डी तथा ए टी सप्लाई के फेलियर को भी मॉनिटर किया जा रहा है। इ० आई० सिस्टम की क्षमता को बढ़ाते हुए MLK रैक की संख्या को दो से बढ़ाकर तीन कर दिया गया है। इसके द्वारा सिग्नल प्रणाली के इ० आई० सिस्टम पर पड़ रहे दबाव को संतुलित किया गया है। इस सिस्टम के फेलियर को नियंत्रित करने के लिए इसके पावर सप्लाई को भी सेग्रीगेट किया गया है।


‌ज्ञात हो कि हाल में नवीनतम तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रयागराज मण्डल में मण्डल रेल प्रबन्धक की अध्यक्षता में मण्डल के समस्त अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग (वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से) का आयोजन किया गया था। जिसमें मण्डल के प्रयागराज, कानपुर, इटावा, टूण्डला, फतेहपुर, मिर्जापुर एवं अलीगढ के 60 अधिकारियों ने भाग लिया था।

‌ प्रयागराज ब्यूरो से दयाशंकर त्रिपाठी की रिपोर्ट

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