अपने जीर्णोद्धार की प्रतीक्षा में ढाई सौ साल पुराना सिद्ध बाबा भारती मंदिर

इस सिद्ध स्थल से आज तक कोई भी मायूस होकर नहीं लौटा संवाददाता – जयदीप सिंह सरस परसपुर, गोण्डा-हमारा देश प्राचीनकाल से ही तमाम सिद्ध ऋषि मुनियों का देश रहा है। अनेकानेक महात्मा इसी भारत भूमि पर आए जिन्होंने अपनी सिद्धियों से पूरे ब्रह्माण्ड को आश्चर्यचकित किया।आज भी ऐसे तमाम पावन स्थल हैं जो इन

इस सिद्ध स्थल से आज तक कोई भी मायूस होकर नहीं लौटा

संवाददाता – जयदीप सिंह सरस

परसपुर, गोण्डा-
हमारा देश प्राचीनकाल से ही तमाम सिद्ध ऋषि मुनियों का देश रहा है। अनेकानेक महात्मा इसी भारत भूमि पर आए जिन्होंने अपनी सिद्धियों से पूरे ब्रह्माण्ड को आश्चर्यचकित किया।आज भी ऐसे तमाम पावन स्थल हैं जो इन ऋषि मुनियों की तपस्या व सिद्धियों का जीवित प्रमाण हैं। ऐसा ही एक सिद्ध स्थान सूकरखेत पसका में स्थित है जिसे बाबा भारती मंदिर के नाम से जाना जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग ढाई सौ साल पहले इस मंदिर का निर्माण पसका रियासत की रानी अखिलेश कुँवरि ने अपने गुरू बाबा भारती के लिए करवाया था। आज भी मंदिर के अन्दर बाबा की समाधि बनी हुई है। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा के चरणों में माथा टेकता है बाबा उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। वर्तमान में मन्दिर बड़ी बदहाल स्थिति में है। जिसकी देख रेख यहीं के रमेश सैनी करते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को बाबा का विशाल भण्डारा होता है जिसमें तमाम भक्तजन इकट्ठा होते हैं। मन्दिर की बनावट एवं वर्तमान स्थिति को देखकर ये विश्वास करना पड़ता है कि सच में कहीं न कहीं दैवीय शक्ति है जिसने इतने ऊँचे मन्दिर को इस अवस्था में रोके रखा है।

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