स्वतंत्र प्रभात मोहम्मद शहरुख:-उन्नाव। एक दशक बीतने को है नगर के मोहल्ला दरोगाबाग चांदमारी में वार्डवासी महामारी की समस्या झेल रहे है और जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बांधे हुये है। जबकि यह वार्ड वर्तमान अध्यक्ष के निवास से चंद कदम दूर है। कागजी कोरम में तो उपलब्धियां गिनाई ही जा रही है। शिकायती पत्रों का क्या जिसपर आज तक नतीजा सिफर रहा। कोई झांकने तक नही पहुंचा। एक दशक बीतने को है बजट आया होगा
और हजम भी हो गया होगा नहीं तो वार्ड वासी महामारी की समस्या न झेल रहे होते। लोग त्रस्त होकर अब नारकीय जीवन में ही खुद को ढाल चुके है। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि व अधिशासी अधिकारी सदा बजट का ही हवाला देते है। बड़ा ही सोचनीय विषय है कि नगर पालिका का बजट कहा जाता है। डंके की चोट पर कहता हूं जिम्मेदार पूर्णतया सवालों के घेरे में शासन स्तर से जांच होने पर सब सामने होगा। 2019 से 2020 का जुलाई माह चल रहा साहब व्यस्त है
और जनता को मिल रहा काल्पनिक आश्वासन। साहब का कहना है कि मौके पर जॉच कराई है। साहब को लग रहा होगा जनपद तक सीमित है लेकिन अब चुप नही बैठेंगे सवालों के जवाब देने होंगे। और सवाल हर जिम्मेदार से पूंछा जाएगा। नगर पालिका अध्यक्ष को जुलाई 2018 में कहा गया मगर सभी एक दूसरे पर आरोपो की वर्षा कर बजट का हवाला दे देते है। सैनेटाइजेशन की बात करे तो मुख्यमार्गो तक सीमित रहा। वार्ड सभासद खुद ही अपने पैसो से सैनेटाइज करवाते नजर आये क्योकि साहब का कहना है कि बजट नही है।
जबकि बड़े जिम्मेदार अधिकारी अगर ईमानदारी से नगर पालिका की जाँच करें तो दुध का दुध व पानी का पानी हो जाएगा। बैक ग्राउंड और शहर में अनेकों जगह जलभराव से फैल रही संक्रामक बीमारियां। जिम्मेदार फिर भी लापरवाही पर उतारू है। कोरोना जैसी महामारी में बीच मोहल्लेवासी नारकीय जीवन झेल रहे हैं लेकिन प्रशासन व पालिका जानकर भी अंजान बने हैं।