पुष्पवर्षा से अधिक जरूरी है स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा- डाॅ नीलम मिश्रा।

पुष्पवर्षा से अधिक जरूरी है स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा- डाॅ नीलम मिश्रा। संतोष तिवारी( रिपोर्टर ) भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे गोपीगंज के कठौता निवासी डाॅ नीलम मिश्रा ने लॉक डाउन के तीसरे चरण और उसकी वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा कहते हुए बताया कि तीसरे चरण में भारत सरकार ने 14 दिन लाॅकडाउन बढ़ाने

पुष्पवर्षा से अधिक जरूरी है स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा- डाॅ नीलम मिश्रा।

संतोष तिवारी( रिपोर्टर )

भदोही।

उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे गोपीगंज के कठौता निवासी डाॅ नीलम मिश्रा ने लॉक डाउन के तीसरे चरण और उसकी वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा कहते हुए बताया कि तीसरे चरण में भारत सरकार ने 14 दिन लाॅकडाउन बढ़ाने का फ़ैसला लिया है और मरीज़ों की संख्या देखते हुए पूरे देश को रेड, ऑरेंज, ग्रीन ज़ोन में बाँटा गया है और उसी के अनुसार जनपदों के अधिकारियों को लाॅकडाउन में कितनी ढील और कैसे ढील दी जाय इसका निर्णय करना है।

आर्थिक चुनौतियों का दौर शुरू हो चुका है। कहीं नौकरी जा रही तो कहीं वेतन और इंक्रीमेंट में कटौती ,डी.ए.न देने का फ़ैसला। रोज कमाने, खाने वालो को डेढ़ महीने हो गए कोई काम नही इसका असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ा है।और पारिवारिक समस्याएं मुंह बाये खडी है। तीसरे चरण में भी पूरे देश में मज़दूरों की घर वापसी अपने स्तर से लगातार हो रही है। भूखे प्यासे,दुश्चिन्ता में लम्बी दूरी का सफ़र तय करने में कभी किसी की मृत्यु की ख़बरें भी आ रही हैं।

सरकारी स्तर पर अब एक नई बात हुई है। बंद चल रही फैक्ट्रियो के विभिन्न राज्यों के मज़दूर अब ट्रेन से अपने मूल निवास पर वापस आ रहे हैं। उसी तरह बाहर पढ़ने गए छात्र भी बस, ट्रेन से वापस आ रहे हैं। भारत में मरीज़ों को ट्रेस करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। ये कितना प्रभावी होगा आने वाले समय में ही जाना जा सकेगा।
तरह तरह की मुश्किलों के बावजूद उच्च स्तर पर लगता है सब कोरोना से जंग नहीं जश्न के मूड में हैं।

ज़रा सोचिए, शराब , पान पुड़िया की दुकाने खोली जाएँगी।दूसरी बात चर्चा है कि अस्पतालों पर सेना के विमानों से पुष्प वर्षा की जाएगी ये आइडिया मुझे वर्तमान परिस्थितियों में हास्यास्पद लगता है। पुष्प वर्षा से भी अधिक आवश्यक है की इस महामारी से लड़ाई में जूझते हुए डॉक्टर, नर्स व कोरोना मरीज के देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मी की सुरक्षा की व्यवस्था की जाय। अभी भी देश में कई अस्पतालों है जहाँ पीपीआई किट, ग्लब्स, इत्यादि भी उपलब्ध नहीं है। बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों की मृत्यु की खबरे आ रही हैं।

देश दुनिया से कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन बनाने और उसे लेकर कमाने और पैसा बनाने का खेलकरने की चालें चली जाने की ख़बरें भी आ रही हैं। बड़े लोग तो यूँ भी आपदा को एक सुअवसर की तरह देखते हैं। बदली हुई परिस्थितियों में देश के सामने जो चुनौतिया आने वाली है उनसे सामना करने के लिए व्यापक दृष्टिकोण, सुनियोजित योजना और विशेष प्रबंधन की आवश्यकता होगी किंतु इन सब से महत्वपूर्ण है कि हम सभी को भी अपना अपना कर्तव्य निष्ठा पूर्वक निभाना चाहिये और कोरोना से बचाव के लिए समय ,समय पर सरकार द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन करना चाहिये।

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