जनपद में सोशल डिस्टेंसिंग शब्द हुआ बेमानी, लॉक डाउन का हो रहा जमकर उल्लंघन ।

जनपद में सोशल डिस्टेंसिंग शब्द हुआ बेमानी, लॉक डाउन का हो रहा जमकर उल्लंघन । उमेश सिंह (ब्यूरो चीफ ) भदोही । पूरे भारत मे महामारी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसीलिए लगातार लोगों को घरो मे रहने की सलाह जा रही है। बेहद आवश्यक कार्य पर बाहर जाने वालों को मास्क, सेनेटाइजर

जनपद में सोशल डिस्टेंसिंग शब्द हुआ बेमानी, लॉक डाउन का हो रहा जमकर उल्लंघन ।

उमेश सिंह (ब्यूरो चीफ )

भदोही ।

पूरे भारत मे महामारी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसीलिए लगातार लोगों को घरो मे रहने की सलाह जा रही है। बेहद आवश्यक कार्य पर बाहर जाने वालों को मास्क, सेनेटाइजर का प्रयोग व सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए जोर दिया जा रहा है। बावजूद इसके जिले की सब्जी मंडियों, बैकों और राशन की दुकानों पर आये दिन सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती देखी जा सकती हैं।

जबकि लगातार सोशल मीडिया और अखबारों पर जगह जगह एकत्रित हो रही भीड़ और सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी की खबर छपने के बाद भी जिला प्रशासन अनदेखी कर मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। और होने वाली बडी़ अनहोनी को नजरअंदाज कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण महामारी से जहाँ पूरा विश्व त्राहिमाम कर रहा है वहीं इस लाइलाज बीमारी का मात्र एक ही उपाय सामने आया है वह सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग है। जिसकी जद मे रहकर इससे बचाव किया जा सकता है।

बता दें कि इस महामारी ने तेजी के साथ भारत मे अपने पैरों को पसारना शुरू कर दिया है और इसकी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लेकर 21 दिनों के लाक डाउन के बाद 19 दिनो के लिए इसे आगे बढा़ दिया है और राज्य सरकारों को इसका पालन सख्ती से करवाने के लिए कहा है। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर सजा और जुर्माना का आदेश पारित कर दिया है। मगर जनपद भदोही मे सरकार के आदेशों की अनदेखी आये दिन सब्जी मंडियों, सरकारी राशन की दुकानों मे देखने को मिल रही है।

यह भीड़ एकत्रित होकर बिना सोशल डिस्टेंसिंग बनाये महामारी को दावत दे रही है। यही हाल बैंकों का भी है जहाँ सुबह से ही औरतों की भीड़ एकत्रित हो जाती है और सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बिना झुंड बनाकर बैंक के गेट को घेर लेती है। इनकी गलती तो है ही मगर बैंक व कोटे के जिम्मेदार भी मूकदर्शक बनकर यह तमाशा देखते रहते हैं। जबकि जिला प्रशासन का ढुलमुल रवैया स्पष्ट नजर आ रहा है वह

सिर्फ सडक़ पर निकल रहे बाइक व चार पहिया वाहनों पर ही केंद्रित हो कर रह गया है उनको तो चालान काट कर सिर्फ सरकारी आकडों को दिखाकर खाना पूर्ति करना है। मुख्य समस्या जहाँ है जहां से खतरे का आगाज होता दिख रहा है उस तरफ ध्यान ही नहीं देना है सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति कर अपनी डियूटी का निर्वहन करना है। जबकी जिले में नेशनल तिराहे पर बने शेल्टर हाउस में क्वॉरंटीन किये गये मजदुरो मे से एक कोरोना संक्रमित मरीज पाया गया था । फिर भी इस बात से बेफिक्र जिम्मेदारो को अब और भी सचेत रहने की जरूरत है। अगर भीड़ वाली जगहों में अनदेखी के चलते एक भी मरीज संक्रमित हुआ तो वह पूरे समाज मे यह संक्रमण फैला देगा और उस समय इसको रोक पाना मुश्किल साबित हो जायेगा।

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