दिल्ली -लखनऊ से कुशीनगर लौटे मजदूर अपने गांव तक पैदल जाने को है मजबूर

पडरौना,कुशीनगर। कोरोना वायरस से बचाव के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए जिस तरह युपी-बिहार की सीमा को 14 अप्रैल तक सील कर दिया है। वही बिहार में युपी पार कर किसी जाने वाले कि अनुमति नहीं जल्दी नही मिल रही है। एसे में युपी बिहार सीमा पर स्थित पडरौना कोतवाली पुलिस की बांसी चौकी

पडरौना,कुशीनगर। कोरोना वायरस से बचाव के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए जिस तरह   युपी-बिहार की सीमा को 14 अप्रैल तक सील कर दिया है।   वही बिहार में युपी पार कर किसी  जाने वाले कि अनुमति नहीं जल्दी नही मिल रही है। एसे में युपी बिहार सीमा पर स्थित पडरौना कोतवाली पुलिस की बांसी चौकी पुलिस ने जहां चेक पोस्ट लगा कर लगदा उनकी कड़ी निगरानी कर रही है,वहीं इसी जिले के कुबेरस्थान कि पुलिस पचरुखियां घाट के अलग अलग दोनों पुलों पर बैरिकेडिंग कर नजर जमाए हुई है।

इन सबके अलावा युपी बिहार बार्डर सीमा पडरौना कोतवाली क्षेत्र के बांसी बाजार के बिहार बॉर्डर चेक पोस्ट पर तैनात पुलिस मुस्तैदी के साथ बैरिकेडिंग कर ड्यूटी कर रहे है। दूसरी ओर लॉक डाउन के छठे  दिन लखनऊ व दिल्ली लौटे बिहारियों की घर वापसी के बाद यूपी बिहार सीमा से होकर अलग-अलग जिलों के विभिन्न गांव निवासी पैदल जाते नजर आए जो कई सौ किलोमीटर पैदल यात्रा करके घर को जाने को मजबूर थे।
इनके लिए बिहार सरकार ने किसी प्रकार की भोजन के आलावा इन्हें यूपी बिहार बॉर्डर से घर भिजवाने के लिए कोई संसाधन मुहैया नहीं कराई थी।जिसके वजह से लखनऊ दिल्ली से कमाने गए मजदुर गरीब जैसे तैसे आए लोग यूपी पार करने के बाद बिहार में प्रवेश कर पैदल जाना ही मुनासिब समझा ।

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