लॉकडाउन : पेट की आग बुझाने दिल्ली से 750 किलोमीटर दूर घर पैदल चले आए मजदूर

कोरोना से बचाव के लिए देश लाकडाउन है लेकिन यह लॉकडाउन मजदूरों पर भारी पड़ रहा है। पेट की आग ने लोगों को इस कदर परेशान किया कि दिल्ली से पैदल ही घर चले आए हैं। सरकार व्यवस्थाएं देने का ढिढोरा पीट रही है लेकिन हकीकत यह है कि इतनी लंबी दूरी में दर्जन भर

कोरोना से बचाव के लिए देश लाकडाउन है लेकिन यह लॉकडाउन मजदूरों पर भारी पड़ रहा है। पेट की आग ने लोगों को इस कदर परेशान किया कि दिल्ली से पैदल ही घर चले आए हैं। सरकार व्यवस्थाएं देने का ढिढोरा पीट रही है लेकिन हकीकत यह है कि इतनी लंबी दूरी में दर्जन भर लोगों को कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं की गई। रास्ते भर इन सभी को भूख के दौरान भारी संकटों का सामना करना पड़ा कोरोना से बंद चल रहे काम-धाम के बाद दिल्ली के शंकर नगर से घर के लिए पैदल चले दर्जन भर लोग दिखाई दिए।

यह सभी लोग बेलदारी का काम कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। शुक्रवार को बैग-झोला लिए यह लोग सिद्धार्थनगर-शोहरतगढ़ मार्ग पर धेंसा गांव के पास दिखाई दिए तो अपने दुखों को बताया कि 750 किलोमीटर की दूरी को छह दिनों में तय किए हैं। जनता कर्फ्यू के एक दिन पूर्व ही मालिक ने काम बंद होने का हवाला देकर गांव जाने की बात कही। यह लोग कुछ समझ पाते कि अचानक देश लॉकडॉउन हो गया। साधन मिलना संभव नहीं हो रहा था। रास्ते में कहीं-कहीं ट्रैक्टर चालक जहां तक जा रहे थे, वहां तक बैठा लेते रहे। इससे उनकी दूरी भले ही कम हो गई हो, लेकिन पेट में लगी भूख की आग कहीं नहीं मिटाई जा सकी।

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