थानाध्यक्ष गीडा की मनबढई

देश में स्थितियां चाहे जो भी चल रही हो पर इस बात से गोरखपुर पुलिस के कुछ मनबढ़ वर्दीधारियों का कोई लेना देना नहीं होता है । इनकी हरकतों की वजह से स्थितियों को नियंत्रित करने तथा आमजन के बीच पुलिस की छवि सुधारने की शासन की मंशा धरी की धरी रह जाती हैं ।

देश में स्थितियां चाहे जो भी चल रही हो पर इस बात से गोरखपुर पुलिस के कुछ मनबढ़ वर्दीधारियों का कोई लेना देना नहीं होता है । इनकी हरकतों की  वजह से स्थितियों को नियंत्रित करने तथा आमजन के बीच पुलिस की छवि सुधारने की शासन की मंशा धरी की धरी रह जाती हैं । और कई बार अपनी हरकतों से ये अपने उच्चाधिकारियों की भी किरकिरी कर देते है । अपने आप को खुद मान बैठे थानाध्यक्ष गीडा तो यह मौन संदेश देना चाहते है कि उनकी सभी कारगुजारियां पर्दे के पीछे ही रहने दो अन्यथा वक्त बेवक्त हम हिसाब पूरा कर लेंगे ।

 सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ताजा मामला गोरखपुर जनपद के नौसढ़ चौकी का है । अवैध खनन की गाड़ियां गुजरने से लेकर कच्ची शराब की बिक्री का कोई दिन ऐसा नही जो इस चौकी क्षेत्र से न होता हो । लॉक डाउन से पूर्व इसी संबंधित खबर को चलाने और चौकी की अवैध क्रियाकलापों को रिकॉर्ड करने  वाले कैमरामैन से खार खाए थानाध्यक्ष ने कैमरामैन पर अपनी लठ बजाकर अपना हिसाब कल पूरा कर लिया । कैमरामैन का कसूर सिर्फ इतना था कि लॉक डाउन के बावजूद नौसढ़ चौकी के पास वर्दीधारीयो द्वारा कोल्ड्रिंक मिठाई आदि की दुकानों को अपने संरक्षण में खुलवाया गया था और दुकान के सामने ही यह वर्दीधारी कुर्सी लगाकर आराम से बैठे हुए भी थे । बस इसकी वीडियो बनाना कैमरामैन को भारी पड़ गया । लॉक डाउन के दौरान पुलिस के मनबढई की यह कोई पहली घटना नहीं है । आरोप तथा कैमरे में रिकॉर्ड चश्मदीदों के अनुसार अभी कुछ दिन पहले ही तारामंडल क्षेत्र में वीडियो रिकॉर्डिंग करने की वजह से शुरू हुए विवाद में पुलिसिया बर्बरता ने एक वृद्ध की जान ले ली  ।

पुलिसिया बर्बरता की कहानी मृतक के परिवार तथा चश्मदीदों ने स्वयं बयां की थी । इसी तरह लॉक डाउन के दौरान ही जिला अस्पताल में कार्यरत स्टाफ के ऊपर भी मनबढ़ पुलिस वालों ने लाठियां बजा दी थी  ।पहचान पत्र दिखाने के बावजूद भी इन्हें पुलिस वालों के सेनेटाइज किये हुए लट्ठ का शिकार होना पड़ा था । जहां एक ओर कुछ वर्दीधारी भूखे और बेसहारा लोगों को गोरखपुर जनपद में भोजन पानी आदि का वितरण कर रहे हैं और उनके लिए मसीहा बनकर उभरे हैं वहीं दूसरी ओर गोरखपुर जनपद के ही कुछ वर्दीधारी अपनी मनबढई से पूरे पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।  परिस्थितियां चाहे जो भी हो इनकी आदत नहीं सुधरने वाली । कुछ वर्दीधारी अपने आप को खुदा मान बैठे हैं  । लॉक डाउन में भी अपनी कमाई का जरिया ढूंढ ही लेते हैं । गलती इनकी भी नही है । एक तो इस लॉक डाउन में वैसे ही रोज़ की कमाई बन्द है  ऊपर से कुछ करके होने की आस पर भी एकाध प्रेस वाले राहु केतु बनकर पहुँच जाते है । नौसढ़ की घटना भी इसी का नतीजा है ।

इन कुछ मनबढ़ पुलिसियों को यह भी नहीं पता होता कि इनकी कारगुजारियों की वजह से शासन के मंतब्यों को सीधे चोट पहुंचती है और समय समय पर इनकी यही हरकते अपने वरिष्ठ अधिकारियों की भी  किरकिरी कराती हैं । ऐसे चंद मुट्ठी भर मनबढ़ वर्दीधारियों को यही लगता है कि इस लॉक डाउन में सिर्फ वही काम कर रहे है । पत्रकार तथा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग तो बेवजह सड़को पर घूम रहे है । लेकिन इनकी खिसियाहट की असली वजह तो यह है कि वास्तव में इनका रोज़ का जुगाड़ इस लॉक डाउन में खत्म हो गया है । ऐसी परिस्थिति में अगर खिसियानी बिल्ली खंभा नोचना शुरू कर दे तो कोई आश्चर्य की बात नही ।

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