प्रकृति की मार के आगे बेबस अन्नदाता
उमेश सिंह (ब्यूरो चीफ )
भदोही – अन्ना जानवरों के आतंक से किसानो ने रातों को जाग कर अपनी फसल को बचाया तथा दिन में सजी सजाई फसल की रखवाली कर घर लाना चाहता है लेकिन प्रकृति की मार के आगे बेबस किसान मायूस उस समय हो जाता है जब तेज हवा और बारिश उसके गेहूं की सजी सजाई फसल को खेत में ही बर्बाद कर देती है। फल स्वरूप उपज आधी और तिहाई ही बचती है शुक्रवार को क्षेत्र में तेज हवा व बारिश के चलते किसानों की सजी सजाई गेहूं की फसल खेत में ही लोट गई जिसके चलते किसानों को अनुमान है कि उपज आधी और तिहाई ही बचेगी। हालांकि गेहूं के साथ साथ चना मटर आदि फसलों को भी नुकसान पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी के साथ साथ खेतों मे कतराई करने हेतु कटी कटाई लाही की एकत्रित फ़सल की भी मडाई मे यदि पानी न बरसा तो सुखाने मे कई दिन लगेंगे। कृषक अमित सिंह, संजय सिंह, शाहूल दुबे, राकेश, जय सिंह, आदि ने बताया कि हम लोगों ने अन्ना जानवरों के आतंक से तो अपनी फसलों को बचा लिया है लेकिन प्रकृति की मार के आगे हम सब बेबस हैं।