सतर्कता और स्वच्छता से ही किया जा सकता है इसे खत्म
फतेहपुर, चिकित्सक डा. अब्दुल्ला ने कहा कि कोरोना वायरस 2017 में साधारण कंट्रीज में पाया गया। उसके बाद 2019 में पहली बार चाइना में भी पाया गया। जिसे कोवेट नाइन्टिन का दर्जा दिया जाता है। कोरोना (कोवेट नाइन्टिन) हांथ से फैल सकता है और खांसी, नजला, जुखाम के साथ पेसेंट सामने आता है। लेकिन इसमें थोड़ी से सीनियरिटी ज्यादा है।उन्होंने कहा कि जुकाम से जब कम्पेयर किया जाता है तो इसमें खतरे ज्यादा है। निमोनिया में जैसे चलने के साथ सांस लेने में व खांसी के साथ ज्यादा दिक्कत होती है। जब छींकता या खांसी है तो वायरस बाहर निकलता है। ऐसे लोगो से 2 मीटर की दूरी पर ही रहे। डा. अब्दुल्ला ने कहा कि अगर सांस ज्यादा फूलता है या जुकाम ज्यादा हो तो चिकित्सक से परामर्श लें। ऐसे लोगो से हांथ न मिलाएं और अगर मिलाएं तो हांथ को अपने मुंह, नाक, कान, आंख व होंठ पर न ले जाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस एक नार्मल फ्लू की तरह है।
जो कुछ दिन शरीर में रहने के बाद अपने आप खत्म हो जाता है। इससे जरा भी घबराने की जरूरत नहीं है। अफवाहों पर ध्यान न दें और बचाव करें। डा. अब्दुल्ला ने कहा कि छीक आ रहा है तो मुंह ढककर छींके। भीड़ आदि से बचें। अगर बस व ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो हैंड सैनिटाइजर से हाथ साफ करें। तभी अपने आंखों या कान-नाक को खुजाए। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। ध्यान रखें कि ठंडी जगह जाने से बचें। सर्दी, खांसी होने पर तुरंत दवाई ले। उन्होंने कहा कि सतर्कता और स्वच्छता से ही इसे खत्म किया जा सकता है। फतेहपुर जिले के ट्रामा सेंटर के ऊपर 10 वार्ड का आइसोलोसन वार्ड बनाया गया है जहाँ पर कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजो का इलाज किया जाएगा , इस वार्ड में प्रशिक्षित स्टाफ , डॉक्टर और कोरोना से बचाव और इलाज की अत्याधुनिक सुविधाओं से साथ तैयार किया गया है अगर जिले में किसी प्रकार की कोई मरीज की जानकारी मिलती है तो उसका तत्काल इलाज किया जाएगा ।