एक तरफ सरकार बच्चों की शिक्षा और उनकी जरूरतों को लेकर धन व्यय करती है वही दूसरी तरफ स्कूल मे पढ़ाने के लिए नियुक्त अध्यापक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।विकासखंड शंकरगढ़ ब्लॉक के कंचनपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय मे जिन अध्यापक की नियुक्ति बच्चों को पढ़ाने के लिए हुई है वो हमेसा अनुपस्थित रहते है या फिर देर से आते है और विद्यालय वहाँ उपस्थित शिक्षामित्र के भरोसे चल रहा है। आखिर सरकार के तमाम इंतजाम और अध्यापको को 50,000 वेतन देने के बाद भी अगर शिक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है तो ये अधिकरी और सरकार की नाकामी साफ तौर पर देखी जा सकती है। ये बात जब विद्यालय मे पढ़ने वाले बच्चों के माता पिता को पता चली तो उन्होंने इसका विरोध करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी शंकरगढ़ से शिकायत की और उन्होंने इस मामले पर जाँच कराकर कार्यवाई करने की बात कहीं है
शंकरगढ़ (प्रयागराज) शिक्षामित्र के भरोसे प्राथमिक विद्यालय, नहीं आते अध्यापक
एक तरफ सरकार बच्चों की शिक्षा और उनकी जरूरतों को लेकर धन व्यय करती है वही दूसरी तरफ स्कूल मे पढ़ाने के लिए नियुक्त अध्यापक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।विकासखंड शंकरगढ़ ब्लॉक के कंचनपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय मे जिन अध्यापक की नियुक्ति बच्चों को पढ़ाने के लिए हुई है वो