फौदीपुर मे बिना लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोर्स पर जिला प्रशासन है मेहरबान।

फौदीपुर मे बिना लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोर्स पर जिला प्रशासन है मेहरबान। उमेश सिंह (ब्यूरो चीफ ) फौदीपूर भदोही । उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे में बड़ी संख्या में बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर का हो रहा संचालन । इनके संचालक इतने दबंग हैं कि इन्हें कार्रवाई का भी खौफ नहीं है।

फौदीपुर मे बिना लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोर्स पर जिला प्रशासन है मेहरबान।

उमेश सिंह (ब्यूरो चीफ )

फौदीपूर भदोही । उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे में बड़ी संख्या में बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर का हो रहा संचालन । इनके संचालक इतने दबंग हैं कि इन्हें कार्रवाई का भी खौफ नहीं है। धड़ल्ले से दवा की बिक्री के साथ-साथ मरीजों का इलाज भी ये करते है। जबकी कोई भी टपोरी जिसे डॉक्टरी का एबीसीडी भी नहीं आता आज वह नर्सिंग होम का संचालक बना बैठा है। ऐसा ही एक मामला ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत फौदीपुर गांव का सामने आया है। जहाँ पर फौदीपूर के पोखरा पर वीरेंद्र सरोज पुत्र अजोध्या सरोज का अवैध मेडिकल स्टोर व नर्सिंग होम चलता है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक खुद को डॉक्टर समझने वाला वीरेंद्र सरोज पुत्र अजोध्या सरोज का सबसे बड़ा टारगेट होती हैं गर्भवती महिलाएं, जिन्हें दलालों के माध्यम से अपने निजी मेडिकल स्टोर वह नर्सिंग होम मे बुलाकर, बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में गुमराह करके, उसे जान का खतरा बताकर मरीज के तीमारदारों को डराया जाता है ताकि वह ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाएं और उनसे मोटी रकम ऐंठी जाए। यह बड़े – बड़े विशेषज्ञों के बोर्ड लगाए ये नर्सिंग होम सिर्फ एक या दो सामान्य नर्सों के साथ भगवान भरोसे अपना निजी चिकित्सालय चलाता हैं। बताते चलें कि दवाओं की बिक्री के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इसमें भी मरीजों की दवा की बिक्री के लिए फार्मासिस्ट की बाध्यता है। जबकि वीरेंद्र सरोज पुत्र अजोध्या सरोज के पास न तो कोई ऐसी डिग्री है ना ही कोई लाइसेंस फिर भी स्वास्थ्य महकमा इन पर हमेशा मेहरबान रहता है। यही वजह है कि आये दिन प्रसूताओं के साथ घटनाएं होना आम बात हो गयी है इन सबके बावजूद स्वास्थ्य महकमे के अफसर इन झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम लगा पाने में अक्षम हैं।

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