स्वच्छता एवं पेयजल पर आधारित कार्यशाला का हुआ आयोजन

संवाददाता -सुशील कुमार द्विवेदी इटियाथोक,गोण्डा –विकासखंड इटियाथोक के ग्राम पंचायत करवा पारा में आज सोमवार को समुदाय आधारित ग्रामीण पाइपलाइन पेयजल योजना के संचालन एवं अनुरक्षण हेतु एक दिवसीय ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यशाला का आयोजन जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन नीर निर्मल परियोजना गोंडा के द्वारा किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत प्रधान प्रतिनिधि धीरेंद्र

संवाददाता -सुशील कुमार द्विवेदी

इटियाथोक,गोण्डा –
विकासखंड इटियाथोक के ग्राम पंचायत करवा पारा में आज सोमवार को समुदाय आधारित ग्रामीण पाइपलाइन पेयजल योजना के संचालन एवं अनुरक्षण हेतु एक दिवसीय ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यशाला का आयोजन जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन नीर निर्मल परियोजना गोंडा के द्वारा किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत प्रधान प्रतिनिधि धीरेंद्र तिवारी ने की।

कार्यक्रम का संचालन नसरुद्दीन शेख जिला लेखा प्रबंधक ने किया।गोष्ठी में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए इंजीनियर कुशल गुप्ता तकनीकी सलाहकार ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा नीर निर्मल योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर पानी टंकी का निर्माण कराकर ग्रामीणों को पाइप लाइन के जरिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है।

आप सभी लोग सौभाग्यशाली हैं की सर्वप्रथम नीर निर्मल योजना के अंतर्गत आपके गांव करुवापारा को प्राथमिकता के तौर पर चुना गया और करोड़ों की लागत से पानी टंकी का निर्माण कराकर पाइप लाइन के जरिए घर-घर शुद्ध पेयजल की सप्लाई की गई और आप सभी लोग शुद्ध पेयजल का लाभ उठा रहे हैं।

इस लाभकारी योजना के संरक्षण एवं देखभाल का कार्य आपके ही ग्राम प्रधान के द्वारा किया जाना है जिसमें आप सभी लोग पेयजल शुल्क को समय से जमा कर निर्बाध रूप से शुद्ध पेयजल का लाभ उठाते रहे।अक्सर ग्राम पंचायत से यह शिकायत रहती है ग्रामीण पेयजल शुल्क नहीं जमा कर रहे है तो बताइए आप लोग अगर 50 रुपए महीने पेयजल शुल्क नहीं जमा करेंगे तो टंकी के संचालन और रखरखाव का कार्य कैसे सुचारू रूप से चल पाएगा।आपरेटर को पैसा नहीं मिलेगा तो वह कार्य कैसे कर पाएगा।

संबोधन के इसी क्रम में सुधीर कुमार द्विवेदी पर्यावरण एवं जल गुणवत्ता सलाहकार ने बताया कि दूषित जल पीने से हमारा शरीर दूषित हो जाता है और अनेक प्रकार की बीमारियां हमें अपने गिरफ्त में ले लेती।इन बीमारियों से दूर रहने के लिए हमें शुद्ध पेयजल का उपयोग करना चाहिए और इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जितनी आवश्यकता हो उतने ही पानी का उपयोग करें शुद्ध पानी की बर्बादी न करें क्योंकि धरातल में पानी सीमित मात्रा में है।पानी के अनावश्यक दोहन से आने वाले समय में हमें और हमारी नई पीढ़ी को पानी की समस्या से जूझना पड़ सकता है।

ग्राउंड वाटर सीमित मात्रा में है वाटर लेबल दिन-ब-दिन घटता जा रहा है।वाटर लेबल को ऊपर लाने के लिए हम सभी लोगों को तालाबों का संरक्षण करना होगा,खाली जगह पर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे जिससे भारी मात्रा में बरसात हो और बरसात के पानी को तालाबों में एकत्रित कर वाटर लेवल को पुनः रिचार्ज किया जा सके।कार्यक्रम में शिवानंद पांडे,रामकेवल तिवारी, संगम लाल पांडे,दशरथ पांडे,अब्दुल वहाब, अब्दुल मन्नान,इतवारी माली,रामबरन माली,जोखू माली, मनोज शुक्ला, टंकी ऑपरेटर सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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