संवाददाता -सुशील कुमार द्विवेदी
इटियाथोक,गोण्डा –
शासन व प्रशासन के आदेशों को नजरअंदाज कर अपनी मनमानी से कार्य कर रहे हैं ग्राम पंचायत सचिव व प्रधान जिम्मेदारों के उदासीन रवैया का दंश झेल रहे हैं बेचारे गरीब किसान।
सरकार किसानों की आय 2020 तक दोगुना करने का भर रही है दम,छुट्टा जानवरों के प्रकोप से किसानों का निकल रहा है दम।
दिन-रात कड़ी मेहनत कर अन्नदाता उत्पादन बढ़ाने का कर रहे हैं प्रयास घात लगाए बैठे छुट्टा जानवर मिनटों में खेत में लहलहाती फसलो को चर कर कर रहे सफाचट। क्षेत्र के किसान अपनी बदहाली पर बहा रहे हैं आंसू,किसानों के आंसू पोछने का पूरा प्रयास कर रही है राज्य सरकार लेकिन विडंबना इस बात की है जिन जिम्मेदारों के कंधों पर योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई वह अपने जिम्मेदारियों का निर्वाह ठीक ढंग से नहीं कर रहे है जिसका खामियाजा क्षेत्र के अन्नदाता को भुगतना पड़ रहा है।
राज्य सरकार किसानों को छुट्टा जानवरों से मुक्ति दिलाने के लिए लाखों रुपयों की लागत से इटियाथोक विकासखंड क्षेत्र में अलग अलग ग्राम पंचायतों में दो गौ संरक्षण केंद्रों का अभी हाल ही में निर्माण करवाया है।क्षेत्र के समदा माफी में निर्मित गौआश्रय केंद्र सुचारू रूप से चल रहा है जबकि दूसरा केंद्र संझवल गुटूटी तिवारी पुरवा में अभी कुछ ही महीने पहले बनकर तैयार हुआ है किंतु अव्यवस्थाओं के चलते केंद्र पर छुट्टा जानवर नहीं पहुंच रहे हैं।
कुछ किसानों ने तो यह आरोप लगाया है कि गौआश्रय केंद्र का निर्माण कार्य गुणवत्ता के विपरीत मानक विहीन कराया गया है और आधे अधूरे कार्य करा कर 57 लाख रुपए का भारी-भरकम सरकारी बजट खर्च कर दिया गया।बावजूद इसके यह केंद्र निष्प्रयोज्य साबित हो रहा है।स्थानीय किसान दिन-रात अपनी कीमती फसलों को इन छुट्टा जानवरों से बचाने के जुगाड़ में लगे रहते हैं फिर भी फसलों की सुरक्षा करने में असमर्थ जिसकी वजह से उन में भारी आक्रोश व्याप्त है।
क्षेत्रीय किसानों द्वारा विकास खंड अधिकारी सहित ग्राम पंचायत के प्रधान व सचिव से बार-बार मौखिक तौर पर आग्रह किया जा रहा है कि छुट्टा जानवरों को जल्द से जल्द गौ आश्रय केंद्र पर संरक्षित किए जाने का कार्य किया जाए फिर भी अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे।अधिकारियों के मनमानी पूर्ण रवैया का खामियाजा क्षेत्र के किसानों सहित राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है।