हरदोई ।
पत्रकारों का उत्पीड़न व फर्जी मुकदमे यूपी की योगी सरकार के लिए मुसीबत बन गए हैं। मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से जुड़ा हुआ है, जहां बीजेपी के एक विधायक ने पत्रकार के विरुद्ध थाने में फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया था।
पीड़ित पत्रकार ने पहले तो राज्य सरकार से मदद मांगी, पर सरकार ने कोई ध्यान नही दिया। जब मामला प्रेस कॉउंसिल ऑफ इंडिया तक पहुंचा तो यूपी की योगी सरकार के पास अपने बचाव का कोई रास्ता नही दिखा।
एक विधायक की मनमानी पुलिस महकमे के लिए भी मुसबीत बन गयी। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने विधायक के अलावा डीजीपी, मुख्य सचिव, गृह सचिव पुलिस, एसपी हरदोई को नोटिस भेजकर दिल्ली तलब किया है। दरअसल हरदोई के पत्रकार हरिश्याम बाजपेयी द टेलीकास्ट हिंदी पत्रिका के संपादक हैं।
जिनके द्वारा एक पीड़ित के शिकायती पत्र के आधार पर “सांसद व विधायक पर लगा अपहरण का आरोप” शीर्षक का समाचार प्रकाशित किया गया था। इस समाचार से खुन्नस खाकर बीजेपी के विधायक श्यामप्रकाश ने पत्रकार के विरुद्ध थाना टड़ियावां में मुकदमा पंजीकृत करा दिया था। भारतीय प्रेस परिषद को भेजे गए साक्ष्य में पत्रकार ने पीड़ित का शिकायती पत्र, अन्य समाचार पत्रों में भी प्रकाशित समाचार की कतरन, आरोपी सांसद और विधायक का बयान उपलब्ध कराया।
प्रकरण से संबंधित साक्ष्यों की गंभीरता को समझते हुए प्रेस काउंसिल ने विधायक द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे को प्रेस की स्वतंत्रता पर अतिक्रमण एवं कुठाराघात करार दिया, और सत्ता का दुरुपयोग करना माना। परिषद ने पुलिस पर बिना जांच के पत्रकार पर मुकदमा दर्ज कर देना भी अनुचित माना और पुलिस को फटकार लगाई।
नोटिस के बाद परिषद ने दूसरी बार यूपी के मुख्य सचिव, डीजीपी, एसपी और विधायक आदि को 20 जनवरी को दिल्ली तलब किया है।