उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद को पर्यटन विभाग ने दो साल में नहीं दी एनओसी

खण्डहर बताते हैं, धर्म नगरी में पर्यटन विकास की कोशिश पहले भी हुई हैं दो साल पहले टैंडर निकलने के बाद भी काम नहीं हो सका शुरू मथुरा। सुमित गोस्वामी धर्म नगरी को ग्रामीण पर्यटन हब यानी रूरल टूरिज्म सेंट के रूप में विकसित करने का प्रयास पहले भी हुआ है। छोटी छोटी नगर पंचायतों

खण्डहर बताते हैं, धर्म नगरी में पर्यटन विकास की कोशिश पहले भी हुई हैं

दो साल पहले टैंडर निकलने के बाद भी काम नहीं हो सका शुरू

मथुरा।

सुमित गोस्वामी

धर्म नगरी को ग्रामीण पर्यटन हब यानी रूरल टूरिज्म सेंट के रूप में विकसित करने का प्रयास पहले भी हुआ है। छोटी छोटी नगर पंचायतों और धर्म स्थलों पर तैयार किये गये टूरिस्ट बंगले अब खंडहर में तब्दील हो चले हैं, लेकिन ये खण्डहर बताते हैं कि इससे पहले भी कुछ ईमानदार पहल हुईं जो परवान नहीं चढ सकीं।

वर्तामान में भी धर्म नगरी में पर्यटन और खास कर ग्रामीण पर्यटन को विकसित करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। गोकुल की बगल में और रमणेती आश्रम के ठीक सामने स्थित महान कवि रसखान की सामाधि को इसी उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा बरसाना में रोप वे, विरोध के बावजूद पहाडी पर श्रीजी मंदिर के बराबर में कैंटीन तैयार करने का काम भी इसी वृहद् योजना के तहत चल रहा है।

कुंड, सरोवार संवारे जा रहे हैं। हालांकि इस पूरी कावायद में इससे पहले किये गये प्रयासों को पूरी तरह नकार दिया गया है। इस का उदाहरण है हर छोटे बडे धर्म स्थल पर बने पर्यटन बंगले हैं जो अब खण्डहर हो चले हैं। ये खण्डहर सरकारी विभागों के उस नजरिये को भी बयां कर रहे हैं जिस में श्रेय नहीं मिलने की स्थिति में पिछली सरकारों के कामों को जाया किया जाता रहा है।
गोकुल नगर पंचायत के चेयरमैन संजय दीक्षित ने उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद को गोकुल में बने पर्यटन विभाग के टूरिस्ट बंगला को सुधारे जाने का अनुरोध पत्र दिया था। वर्तमान में लोगों ने टूरिस्ट बंगला को डलाब घर बना रखा है। लोगों के पशु यहां बंधते हैं। उनके इस सुझाव को मानते हुए तीर्थ विकास परिषद द्वारा फेसिलिटेशन सेंटर के लिए 4.73 करोड रूपये तथा टायलेट ब्लाॅक सहित दूसरे विकास कार्यों को कराने के लिए 3 करोड 60 लाख रूपये जारी किये गये थे। इन कार्यों को कराने के लिए टैंडर भी निकाले गये थे।

इसके बाद काम ढंडे बस्ते में चला गया और आज तक काम शुरू नहीं हो सका है। गोकुल चेयरमैन संजय दीक्षित ने बातया कि इस कार्य को शुरू कराने के लिए वह उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग की पूर्व मंत्री रीता बहुगुणां जोशी, इसके बाद चैधरी लक्ष्मीनरायण और वर्तमान में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी कई बार मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसमें सिर्फ एक परेशानी आ रही है कि पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद को एनओसी नहीं दे रहा है, जिससे यह काम अटका पडा है। गोकुल नगर पंचायत के चेयरमैन संजय दीक्षित ने इसके लिए एक बार फिर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी मुलाकात करके फेसिलिटेशन सेंटर बनाये जाने के लिए एनओसी प्रदान करने की मांग की है।      

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