घनी आबादी के बीच बिना रोकटोक के चल रहे अवैध कारखाने,आमजन का जीना दुश्वार

रिहायशी क्षेत्रों में अवैध कारखाने में हादसों के बाद टूटती अफसरों की नींद धर्मेंद्र राघव अलीगढ़। पिछले दिनो थाना बन्नादेवी इलाके के सारसौल बीमा नगर में पटाखे बनाने के कारखाने में लगने वाली भीषण आग से कई लोगो की जान चली गई थी। जिसको लेकर लोग काफी सदमे मे है। लेकिन रिहायशी इलाकों में अवैध

रिहायशी क्षेत्रों में अवैध कारखाने में हादसों के बाद टूटती अफसरों की नींद

धर्मेंद्र राघव

अलीगढ़।

पिछले दिनो थाना बन्नादेवी इलाके के सारसौल बीमा नगर में पटाखे बनाने के कारखाने में लगने वाली भीषण आग से कई लोगो की जान चली गई थी। जिसको लेकर लोग काफी सदमे मे है। लेकिन रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से कारखो संचालित किये जा रहे हैं।

जिनसे लोगों की जान का खतरा बनने के साथ मकान गिरने जैसी अनहोनी घटना को न्यौता दे रहे हैं। परन्तु प्रदूषण विभाग कार्यवही के नाम पर मौन धारण कर कुम्भकर्णीय नींद में सो रहा है।
ही जनपद मे सम्बन्धित विभागों द्वारा रिहायशी इलाके में इस कारखाने के संचालन पर तरह तरह के सवाल उठाये जा रहे है।

जनपद के अधिकांश संकरी गलियों और मोहल्लों में अनेक प्रकार के जस्ता व पीतल गलाने की भट्टियां,पावरप्रैस,इंजन चक्की,बिस्कुट, बीड़ी बनाने के अवैध कारखाने बेरोक-टोक चलाये जा रहे है।


नियमो को ताख पर रखकर चलाये जा रहे इन कारखानो पर कार्यवाही करने मे प्रशासन नाकाम दिखाई पड़ रहा है। जिसका खमियाजा कभी कारखाने के आसपास रहने वाले लोगो को भुगतना पड़ सकता है। इससे पहले जनपद के सारसौल क्षेत्र में अवैध पटाखों के कारखानों में विस्फोट हो चुका है।

जिसमे कई लोगों अपनी जान गवां चुके हैं इसके बावजूद भी प्रशासन इन अवैध कारखानो पर शिकंजा कसने मे असमर्थ दिखाई पड़ रहा है। शायद प्रशासन भी कोई अप्रिय घटना होने का इंतजार मे बैठा है।


आपको बता दे की जिले मंे बिस्कुट, बीड़ी बनाने, पीतल व जस्ता गलाने के ऐसे तमाम कारखाने मौजूद है जो कि नगर के बीच सकरी व घनी आबादी के बीच स्थित है। इतना ही नही इसके आस-पास कई स्कूल भी है। किसी भी घटना होने पर यहा फायर ब्रिगेड, की गाडिया भी मौके पर नही पहुच सकती है। इतना सब के वाद भी प्रशासन की नीद नही खुल रही है।


महानगर की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कारखाने चल रहे हैं जो कि अवैध हैं। इसके कारण ध्वनि, वायु एवं जल को प्रदूषित किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी पूरी जानकारी है, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते प्रदूषण विभाग कार्यवाही ना करते हुये मौन धारण कर कुम्भकर्णीय नींद में सो रहा है।


गोपी मिल कम्पाउण्ड में चल रहे पावरप्रैस,मकानों की नींव हिलीं


अलीगढ़ मण्ड़ल के रिहायशी इलाकों में अवैध कारखाने धड़ल्ले से चल रहे हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आखें मूंदे रहते हैं। जब हादसे होते हैं, तब संबंधित अफसरों की नींद टूटती है। कार्रवाई करने के आदेश होते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद आदेश कागजों में सिमट जाते हैं।


गोपी मिल कम्पाउण्ड के लोगों ने बताया कि पुलिस व प्रदूषण विभाग की मिली भगत से रिहाइशी इलाके गोपी मिल में अवैध रूप से कई सालों से पावर प्रैस लगाकर ताले के पुर्जों का कारखाना चल रहा है।

जब कारखाने में पावरप्रैस चलती है तो आस-पास के लोग अपने मोबाइल फोन तो दूर पास में बैठकर बातज नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं लोगों के मकानों की पावरप्रैस की धडघडाहट ने नींव तक हिला के रख दी हैं और मकान चटकने लगे हैं।

पूर्व में पुलिस व प्रशासन के अलावा प्रदूषण विभाग को कारखाना हटवाने के लिए प्रार्थनापत्र दिया गया था, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

About The Author: Swatantra Prabhat