धर्मेन्द्र राघव
अलीगढ़।
तहसील गभाना में पिछले 5 दिनों से एक सन्यासी जून की इस भीषण गर्मी में खेत के बीच मौन तप पर बैठ गया है। मुंह को सुई-धागे से सिल कर आसपास उपले जला रखे हैं। ग्रामीणों के अनुसार मौन तप पर बैठने से तपस्वी व्यक्ति ने सपने में भगवान के निर्देश की बात कही थी। अब बिना खाना खाये तप में बैठा हुआ है। उसके बाद किसी को कुछ नहीं नहीं बता रहा है।
दरअसल तहसील गभाना इलाके के गांव सोमना निवासी करीब 24 वर्षीय वीरपाल पिछले 5 दिनों से वेदपाल सिंह के खेत में मौन तप पर बैठा हुआ है। इस संबंध में जब तपस्वी वीरपाल से जानकारी करनी चाहिए तो उसने इशारों में आसमान की ओर हाथ उठाए, लेकिन मुंह से कोई शब्द नहीं बोला।
वीरपाल के आस-पास गोल घेरे में आठ जगह उपले की अग्नि जल रही है। दोनों ओर लोहे के त्रिशूल और चिमटा जमीन में गड़े हुए हैं। पास में एक पानी की कैन और स्टील की बाल्टी रखी हुई है। बदन पर पुजारियों वाला कपड़ा पड़ा हुआ है। मुंह को सुई-धागे से सिल रखा है। सामने कुछ माचिस और अगरबत्ती धूप बत्ती रखी है। शरीर पर काफी सारे स्क्रैच पड़े हुए हैं।
एक ग्रामीण सोनू के अनुसार वीरपाल गांव का ही निवासी है।
जिसके पिता का स्वर्गवास हो चुका है। मां अभी घर पर मौजूद है। दो भा भी है। लेकिन पूरे परिवार से पिछले 4 वर्षों से नाता बंधन तोड़ कर सन्यासी बन गया है। सोनू के मुताबिक वीरपाल ने मौन तप पर बैठने से पहले इतना बताया था कि सपने में भगवान ने आकर इस तरह तपस्या करने के लिए निर्देश दिया है। इसके अलावा कुछ भी बताए बिना तपस्या शुरू कर दी है। सुबह शाम ग्रामीण और कुछ परिवारीजन आकर चाय पानी दे देते हैं।
पिछले 5 दिनों से खाना नहीं खाया है। भले ही अब तक लोग तपस्या में कुछ ना कुछ मांगते हैं। जैसे कि मौजूदा समय में गर्मी के चलते बारिश की डिमांड तपस्वी कर सकते हैं। लेकिन वीरपाल के द्वारा पिछले 5 दिनों में अभी तक कोई भी बात स्पष्ट नहीं की गई है। 5 दिनों से खाना ना खाने के कारण शरीर भी कमजोर होने लगा है। वहीं सोनू ने एक बात और बताई, इसके आसपास एक कुत्ता हर समय रहता है।