योग ध्यानआध्यात्म और धर्माचरण द्वारा रोगों से लड़ने की शक्ति

स्वतंत्र प्रभात वाराणसी मनीष पाण्डेय वाराणसी जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत चिलबिला ग्राम निवासी संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान, वेद व उपनिषद में डॉक्टरेट की उपाधि तथा कई विश्वविद्यालयों में परीक्षक रह चुके डा विजय शंकर पाण्डेय (सेवा निवृत्त ) ने बताया की मानव जीवन मे योग ,ध्यान, आध्यात्म और धर्माचरण से उत्पन्न साकारात्मक ऊर्जा

स्वतंत्र प्रभात वाराणसी

मनीष पाण्डेय

वाराणसी जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत चिलबिला ग्राम निवासी संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान, वेद व उपनिषद में डॉक्टरेट की उपाधि तथा कई विश्वविद्यालयों में परीक्षक रह चुके डा विजय शंकर पाण्डेय (सेवा निवृत्त ) ने बताया की मानव जीवन मे योग ,ध्यान, आध्यात्म और धर्माचरण से उत्पन्न साकारात्मक ऊर्जा जिसे रोग प्रतिरोधक छमता भी कहते है|

इसके द्वारा नियमित क्रिया कलाप तथा जटिल से जटिल रोगों से लड़ने में मनोबल,आत्मविश्वास में वृद्धि करता है! कोरौना जैसी महामारी काल मे हर व्यक्ति को अपनी नियमित दिनचर्या रखते हुए योग ध्यान और धर्माचरण मर विश्वास रखते हुए निरन्तर क्रियाशील रह कर असाध्य रोगों से बचाव किया जा सकता है! धर्मशास्त्र में ऐसे अनेक ज्ञान उपलब्ध हैं जिनका अनुसरण कर मनुष्य सुदृढ स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति कर सकता है

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