दो माह से नलों में नहीं आया पानी

हैंडपंपों व पानी के टैंकरों के भरोसे मुहल्लेवासी तपसी धूप में महिलाओं व बच्चों को पानी लाना बनी मजबूरी ललितपुर। शहर मेंं चिलचिलती धूप मेंं बच्चे औरतें हाथों मेंं वर्तन लेकर पानी भरने के लिये सडक़ोंं और हैंडपम्पों पर खड़े हुये है। पेयजलापूर्ति न होने से लोगोंं मेंं रोष बढ़ता जा रहा है। परन्तु इस


हैंडपंपों व पानी के टैंकरों के भरोसे मुहल्लेवासी

तपसी धूप में महिलाओं व बच्चों को पानी लाना बनी मजबूरी

ललितपुर।

शहर मेंं चिलचिलती धूप मेंं बच्चे औरतें हाथों मेंं वर्तन लेकर पानी भरने के लिये सडक़ोंं और हैंडपम्पों पर खड़े हुये है। पेयजलापूर्ति न होने से लोगोंं मेंं रोष बढ़ता जा रहा है। परन्तु इस समस्या से निजात दिलाने के लिये जल संस्थान व प्रशासन नाकाम सावित हो रहे है। शहर के अधिकांश मोहल्लों में गर्मी के समय पेयजल की किल्लत बनी हुयी है, शहर के वार्ड नम्बर 01 व 03 में पेयजलापूर्ति नही होने से मोहल्लेवासियोंं को काफी परेशान होना पड़ रहा है। गर्मी पढ़ते ही शहर मेंं जल संकट गहराने लगा है। पानी को लेकर चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। जिससे लोगों का रोष बढ़ता जा रहा है। दूर-दराज से तपसी धूप में महिलाओं व बच्चों को पानी लाना मजबूरी बन गई है, इसके बावजूद भी जलसंस्थान विभाग के अधिकारी मौन साधे हुए है।


कोरोना संक्रमण की मार से तो पूरी दुनिया जूझ रही है, लेकिन शहर के अधिकांश मोहल्लो में हजारो लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैै। मोहल्लोंं कई दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप हो जाने से बाशिंदें हैंडपंप पर लाइन लगाने को मजबूर है। तो वहीं मोहल्ले के कई हैंडपंप खराब पड़ेे है। जलसंस्थान द्वारा भेजे जा रहे टैंकर नाकाफी साबित हो रहे है। टेंकरो का भी समय निर्धारित नही है। जिससे लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जलसंस्थान के अधिकारियो व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रही है।


शहर के मुहल्ला नेहरू नगर वार्ड नंबर 01 व 03 में पेयजल की समस्या गहराने लगी है। नलों में दो माह से पानी न आने से मुहल्लेवासी काफ ी परेशान हो रहे हैं। इसकी जानकारी जल संस्थान के अधिकारियों को भी दी गई परंतु उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में टैंकर तो आते हैं परंतु वह नाकाफ ी साबित हो रहे हैं मुहल्ले में टैंकर आने से भी कई घरों को पानी नहीं मिल पाता है उन्होंने बताया कि मुहल्ले में लगे हैंड पंप से एक या दो डिब्बे ही पानी मिल पाता है और हैंडपंप से पानी भी नीचे उतर जाता है जिसके बाद उन्हें 1 से 2 घंटा इंतजार करना पड़ता है जिसके बाद फि र उन्हें एक या दो ही डिब्बे पानी मिल पाता है। इससे पेयजल की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। पानी की सप्लाई न आने से लोग बूंद बूंद पानी के लिए भटक रहे है।
फोटो- पी 5


इनका कहना है-
गर्मी मे तपती कड़ी धूम में घंटों हैंडपंपों पर पानी जुटाने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ता है, जल संस्थान द्वारा टैंकर तो भेजे जाते है, लेकिन नलो में पानी न आने से पानी का टैंकर के अनुसार मुहल्लेवासियों की आवादी अधिक होने से भरपाई नहीं कर पाता।
रेखा अहिरवार


इनका कहना है-

मुहल्ले में दो माह से नलों में पानी नहीं आया, घरों में नल के कनेक्शन तो है, जिसका जलकर भरते है, लेकिन नलों में पानी नहीं आता। मुहल्लेवासी हैंडपंपों व पानी के टैंकरों के भरोसे पेयजल जुटाने में लगे हुये है। कई सालों बाद पानी की टंकी का निर्माण शुरू हुआ और आठ दस दिन बाद बंद हो गया।
तुलाराम

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