हत्या हरण तीर्थ क्यों है विश्व प्रसिद्ध

हरदोई। जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर तथा राजधानी लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर ब्रह्माहत्याहरण तीर्थ सरोवर जनपद की सण्डीला तहसील में पवित्र नैमिषारण्य परिक्रमा क्षेत्र में स्थित है हजारों वर्ष पूर्व जब भगवान राम ने रावण का वध कर दिया था तो उन्हें ब्रह्मा हत्या का दोष लग गया था। उस

हरदोई। जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर तथा राजधानी लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर ब्रह्माहत्याहरण तीर्थ सरोवर जनपद की सण्डीला तहसील में पवित्र नैमिषारण्य परिक्रमा क्षेत्र में स्थित है हजारों वर्ष पूर्व जब भगवान राम ने रावण का वध कर दिया था तो उन्हें ब्रह्मा हत्या का दोष लग गया था। उस पाप को मिटाने के लिए भगवान राम भी सरोवर में स्नान करने आए थे ।इस सरोवर के निर्माण के बारे में शिव पुराण में वर्णन है कि माता पार्वती के साथ भगवान भोलेनाथ एकांत की खोज में निकले और नैमिषारण्य क्षेत्र में विहार करते हुए एक जंगल में जा पहुंचे वहां पर सुरम्य जंगल मिलने पर तपस्या करने लगे।

तपस्या करते हुए माता पार्वती को प्यास लगी जंगल में कही जल ना मिलने पर उन्होंने देवताओं से पानी के लिए कहा तब सूर्य देवता ने एक कमंडल जल दिया देवी पार्वती ने जलपान करने के बाद शेष बचे जल को जमीन पर गिरा दिया तेजस्वी पवित्र जल से वहां पर एक कुंड का निर्माण हुआ और जाते वक्त भगवान शंकर ने इस स्थान का नाम पर भास्कर क्षेत्र रखा । यह कहानी सतयुग की है काल बीतते रहे द्वापर में ब्रह्मा द्वारा अपनी पुत्री पर कर कुदृष्टि डालने पर पाप लगा उन्होंने इस तीर्थ आकर स्नान किया

तब वे पाप मुक्त हुए तब इस तीर्थ का नाम ब्रह्म क्षेत्र पड़ा। बताया जाता है कि तब से यहां पर मान्यता चली आ रही है कि जो इस स्थान पर आकर स्नान करेगा वह पाप मुक्त हो जाएगा तेता में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने जब रावण का वध किया तो भगवान राम को ब्रह्महत्या का पाप लगा तब गुरु के कहने पर भगवान राम ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए इस तीर्थ पर आए और स्नान किया इस तरह से उनके पाप धुले और ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त हुए त्रेता से आज तक इस स्थान का नाम हत्या हरण कहा जाता है क्योंकि यहां स्नान करने से हत्या तक का बाप नष्ट हो जाता है यहां पर राम का एक बार नाम लेने से हजार नामों का लाभ मिलेगा तब से आज तक लोग यहां इस पावन तीर्थ पर आकर हत्या गौ हत्या अन्य पापों से मुक्ति पा रहे हैं ।

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