जीआरपी पुलिस की कहानी में झोल ही झोल

गांजा करोबारी को संरक्षण दे रही जाआरपी पुलिस महिला के पास मिले गांजे को दिखाकर वाह-वाही लूट रही जीआरपी पुलिस ललितपुर। ट्रेनो में हो रहे गांजे के कारोबार की जानकारी होने के बाद जीआरपी आलाधिकारियों के मामला संज्ञान मेंं आते ही जीआरपी पुलिस अपने बचाव में आती नजर आयी। टे्रनो में हो रहे गांजे के

गांजा करोबारी को संरक्षण दे रही जाआरपी पुलिस

महिला के पास मिले गांजे को दिखाकर वाह-वाही लूट रही जीआरपी पुलिस

 ललितपुर।

ट्रेनो में हो रहे गांजे के कारोबार की जानकारी होने के बाद जीआरपी आलाधिकारियों के मामला संज्ञान मेंं आते ही जीआरपी पुलिस अपने बचाव में आती नजर आयी। टे्रनो में हो  रहे गांजे के कारोबार में बचने व कारोबारियोंं को बचाने के लिये जीआरपी पुलिस ने भारी मात्रा मेंं गांजा ले जा रही एक महिला को प्लेट फार्म से गिरफ्तार कर लिया।

सूत्रों की माने तो महिला के पास से 10 किलो से अधिक गांजा बरामद हुआ था। लेकिन पुलिस  ने महज  5 किलो गांजा दिखाकर महिला के खिलाफ एनडीपीएस की कार्यवाही मर मामले को ठंडे बस्ते मेंं डाल दिया। तो वहीं महिला के साथ गांजे के कारोबार कर रहे अन्य कारोबारी भी साथ बाजार गर्म बना हुआ है। जीआरपी पुलिस की इस कार्यवाही पर कई सवालियां निशान खड़े हो रहे है।

जीआरपी पुलिस ने बताई यह कहानी जीआरपी पुलिस ने गश्त के दौरान गांजे सहित एक महिला को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपित महिला को एनडीपीएस के तहत मामला पंजीकृत कर जेल भेज दिया है। प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि प्र.नि. अरविन्द कुमार सरोज मय हमराय के साथ प्लेटफार्म नम्बर 2/3  पर भ्रमणशील थे, तभी आरओ प्लान्ट एक पास एक सदिग्ध महिला नजर आयी।

जिससे पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम अफसाना पत्नी जावेद अलि थाना उत्तमन वेस्ट दिल्ली बताया। पुलिस ने जब उसकी बेग की तलाशी ली तो उसके बैग से 5 किलो गांजा व 7500 रूपये बरामद हुआ। बताया कि बाजार मेंं उक्त गांजे की कीमत लगभग 90 हजार रूपये है।  इस दौरान प्र.नि. अरविन्द कुमार सरोज, उ.नि. हरिओम मिश्र, का. 608 अजमतउल्ला, महिला हैड.का. 228 मिथलेश वर्मा थाना महिला था शामिल रही। 

चर्चाओं का बाजार गर्म सूत्रों की माने तो महिला को 10 किलो गांजे सहित गिरफ्तार किया गया था एवं महिला के साथ  अन्य आरोबारी भी थे, परन्तु पुलिस ने अन्य कारोबारियों को बजाने के लिये मात्र 5 किलो गांजे सहित महिला को गिरफ्तार बताया है। इससे नजर आता है कि जीआरपी पुुलिस की कहानी में झोल ही झोल नजर आता है। 

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