कड़े निर्णय, साहसिक निवेश करने का समयः पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देशभर में वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धात्मक आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने के लिए यह निवेश बढाने और कड़े फैसले लेने का समय है। भारतीय वाणिज्य संघ के कोलकाता में आयोजित 95वें सालाना सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड के बाद की स्थितियों

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि देशभर में वैश्विक रूप से प्रतिस्‍पर्धात्‍मक आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने के लिए यह निवेश बढाने और कड़े फैसले लेने का समय है। भारतीय वाणिज्‍य संघ के कोलकाता में आयोजित 95वें सालाना सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि कोविड के बाद की स्थितियों को देखते हुए देश अब नियंत्रण और निर्देश के दौर से निकलकर प्‍लग और प्‍ले के दौर में आ गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश कई मोर्चो पर चुनौतियों का सामना कर रहा है। आत्‍मनिर्भर भारत का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि देश इन चुनौतियों को अवसर में बदलने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि आत्‍मनिर्भरता पिछले छह वर्षों के दौरान सरकार की नीतियों के केन्‍द्र में रही है। आयात में कमी लाने की आवश्‍यकता का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्‍न सुधारों के जरिए देश में उत्‍पादन को बढावा दिया गया है।

अपने वोकल फॉर लोकल नारे का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे बेहतर विकास का मार्ग प्रशस्‍त होगा। कृषि उत्‍पादों और आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम में संशोधनों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनसे किसानों को बेहतर बाजार उपलब्‍ध हो सकेगा। उन्‍होंने कहा कि देश में बैंकिंग सेवाएं उन लोगों तक पहुंची हैं जिनके पास पहले यह नहीं थी।

प्रधानमंत्री ने क्लस्टर आधरित बाजार के विकास से संबंधित फैसले का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इससे स्‍थानीय उत्‍पादों को बेहतर बाजार मिल सकेगा। प्रधानमंत्री ने उत्‍पादन को बढावा देने और एलइडी बल्‍बों की बिक्री का जिक्र करते हुए कहा कि इन बल्‍बों की बिक्री से जनता के 19 हजार करोड रूपयों की बचत हुई है। उन्‍होंने कहा कि अंतर्देशीय जल मार्गों का विकास, प्‍लास्टिक के इस्‍तेमाल पर प्रतिबंध, नवीकरणीय उर्जा स्रोतों और डिजिटल भुगतान को बढावा दिए जाने से अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार आएगा जिसका लाभ देश और समाज दोनों को मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बाकी हिस्‍सों के साथ साथ पूर्वी और पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में आर्थिक सुधारों का लाभ उठाने की असीम संभावनाएं हैं। उन्‍होंने उद्योग जगत से अनुरोध किया है कि वह आत्‍मनिर्भर भारत के निर्माण के उददेश्‍य से उत्‍पादन क्षेत्र में और अधिक निवेश करे।

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