सुनील गावस्कर बोले – देश है मुश्किल में, छात्र क्लास की जगह सड़कों पर…

स्वतंत्र प्रभात – देश में बिगड़ रहे हालत के चलते रोज़ ही कुछ न कुछ मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बात पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अपनी राय रखते हुए कहा है कि देश में उथल-पुथल मची है। सुनील गावस्कर ने आगे कहा है कि आज छात्र

स्वतंत्र प्रभात –

देश में बिगड़ रहे हालत के चलते रोज़ ही कुछ न कुछ मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बात पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अपनी राय रखते हुए कहा है कि देश में उथल-पुथल मची है। सुनील गावस्कर ने आगे कहा है कि आज छात्र क्लास की बजाय सड़कों पर उतर आया है।

जैसा की ज्ञात है की 26वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान के दौरान ही सुनील गावस्कर ने कहा, ‘हमारे कुछ युवा कक्षाओं में रहने के बजाय सड़कों पर हैं और उनमें से कुछ सड़कों पर उतरने के कारण अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। कुल मिलाकर, बहुसंख्यक वर्ग अभी भी कक्षाओं में करियर बनाने और भारत को आगे बढ़ाने और बनाने की कोशिश कर रहा है।’

खेल हमको यही सिखाता है की ‘हम एकजुट होकर काफी आगे जा सकते हैं। यह हम सब जानते है की एकता में ताकत होती है। जब हम साथ होते हैं तो हम जीतते हैं। भारत पहले भी कई समस्याओं से पार पा चुका है और इनसे भी निजात हासिल कर लेगा।’

जानकारी के लिए बता दे की, देश में कई जगहों पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर विरोध प्रदर्शन देखे गए हैं। इस दौरान कई युवा इन विरोध प्रदर्शन में दिखाई दिए। इन प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी देखी गई। कई यूनिवर्सिटी में भी छात्र सीएए और एनआरसी का विरोध करते दिखाई दिए हैं।

आखिर क्यों? सड़कों पर छात्र

दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र सीएए और एनआरसी को लेकर सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान जामिया में हिंसा भी देखी गई थी और घायलों को अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया था। वहीं उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के स्टूडेेंट भी सीएए और एनआरसी के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे।

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा देखने को मिली। जेएनयू में कुछ नकाबपोशों ने कैंपस में घुसकर छात्रों पर हमला कर दिया। इस दौरान कई छात्र घायल हो गए। वहीं पिछले साल फीस बढ़ोतरी को लेकर भी जेएनयू छात्रों को सड़क पर प्रदर्शन करते हुए देखा गया था।

About The Author: Swatantra Prabhat