आस्था में रोड़ा बना नगर पंचायत कुमारगंज का बदहाल मार्ग

आस्था में रोड़ा बना नगर पंचायत कुमारगंज का बदहाल मार्ग


स्वतंत्र प्रभात-

                 

कुमारगंज [अयोध्या]। आस्था पर जब चोट पड़ती है तो मन में पीड़ा होना स्वाभाविक है। मिल्कीपुर तहसील अंतर्गत नगर पंचायत कुमारगंज में संपर्क मार्गों का हो चुका है बुरा हाल। बवां गांव स्थित पौराणिक स्वंभू श्री महर्षि बामदेव मंदिर आश्रम में पवित्र पावन सावन महीने में श्रद्धालुओं को आने जाने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रह है। 

जलभराव के कारण कीचड़ से भरे सड़क मार्ग में भक्तों के जलाभिषेक और दर्शन पूजन में आ रही दिक्कतों की वजह से नगर पंचायत कुमारगंज का यह चर्चित मुद्दा बना हुआ है। शिव भक्तों और गांव की आम जनता ने बीते बरसों से सांसद व विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि से कई बार मार्ग की बदहाल हालत पर चर्चा की गई। 

कुमारगंज निवासी विनय कुमार गुप्ता व युवा सामाजिक कार्यकर्ता सूरज कौशल ने इस मुद्दे को कई बार पीडब्ल्यूडी अधिकारियों एवं लोक निर्माण मंत्री को भी प्रस्तुत किया मगर ना ही किसी अधिकारी द्वारा और ना ही किसी प्रतिनिधि द्वारा जलभराव समाप्त कराने हेतु कोई कदम उठाया गया। हालात यह है कि पैदल चलने वालों को कीचड़ में से गुजरना पड़ता है।

नगर पंचायत कुमारगंज बड़ी आबादी होने के कारण आसपास एवं दूर-दराज के लोगों का आना जाना लगा रहता है। यह संपर्क मार्ग कुमारगंज से पौराणिक महर्षि बामदेव मंदिर बवां होते हुए गड़ौली, बघौड़ा व रौतांवा आदि गांव को जोड़ती है। इसी संपर्क मार्ग से प्राथमिक विद्यालय कुमारगंज में पढ़ने वाले बच्चे आते जाते हैं और कीचड़ में गिरकर चोटिल भी होते है, कपड़े भी खराब हो जाते हैं। 

पवित्र मास सावन मे सोमवार के चलते श्रद्धालुओं का जमावाड़ा लगा रहता है। साथ ही नागपंचमी का पावन पर्व होने के नाते श्रद्धालुओं की भीड़ और बढ़ जाती है। मंदिर परिसर में आये श्रद्धालुओं का कहना है की पौराणिक मंदिर महर्षि बामदेव आश्रम तक आने का कोई भी मार्ग दुरुस्त नहीं है हर तरफ कीचड़ गड्ढों से दयनीय स्थिति बनी है। बारिश के मौसम में दिक्कतें और बढ़ जाती हैं जिससे बूढ़ों एवं बच्चों को अधिक परेशानियों की सामना करना पड़ता है। बता दें कि लगभग 20 किलोमीटर की परिधि में एकमात्र स्वंभू प्राचीन शिव मंदिर यहीं स्थापित है।

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