ग्राम पंचायतों में निर्माणाधीन पंचायत भवन

निर्माणाधीन पंचायत भवनों के चलते पंचायत भवन में नहीं बैठते पंचायत सहायक


स्वतंत्र प्रभात 

कोठी, बाराबंकी  सिद्धौर ब्लॉक की अनेकों ग्राम पंचायतों में सहायक पंचायत कर्मचारियों को भले पंचायत भवन में बैठने के आदेश हुए सालों बीत गए हैं। लेकिन सिद्धौर ब्लाक क्षेत्र के उन्हें बैठने की जगह नहीं है। लोग बाहरी जनसेवा केंद्रों से दाम खर्च कर सुविधा लेते हैं। जानकारी के अनुसार पूरा मामला सिद्धौर ब्लाक की 96 पंचायतों में तीन पंचायत मोहम्मदपुरचंदी सिंह, साल्हाभारी व मो. हुसैन बख्श के मार्डन पंचायत भवन देने पर  फिर भी सपना अधूरा है। क्योंकि यह वित्तीय वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान में चयनित हुई। अब 2 वर्षों के बाद भी भवन निर्माणाधीन है। यहां पंचायत सहायकों के बैठने की जगह नहीं है। मोहम्मदपुर चंदी सिंह प्रधान सरोजिनी देवी प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह का कहना है कि ढाई वर्ष पूर्व इस योजना की प्रथम किस्त 10 लाख 47 हजार 6 सौ में पूर्व प्रधान रामफेर ने खर्च किए थे। शेष दूसरी

किस्त करीब 7 लाख के इंतजार है। फिर भी निजी खर्चे से निर्माण जारी है। यहां की पंचायत सहायक निहारिका पटेल ने इस्तीफा दिया। मोहम्मद हुसैन बख्श प्रधान खुशबू के प्रतिनिधि राहुल कुमार व साल्हाभारी प्रधान वीरेंद्र व सेक्रेटरी जानर्दन चौहान ने यही दोहाराया है। या कहा जाए की हालात यह है कि पंचायत सहायक घर व इधर-उधर बैठते हैं।  इन्हें ढूंढ ना मानो भगवान को ढूंढने के बराबर है। ऐसे में लोग बाहरी जनसेवा केंद्रों से महंगे दामों पर ऑनलाइन सुविधा का लाभ लेने के लिए मजबूर हैं। इस महंगाई के दौर में जन सेवा केंद्र संचालक मनमाने तरीके से धन वसूली करते हैं। इन पर भी नकेल कसने के लिए ई डिस्टिक विभागीय कर्मचारी कार्रवाई नहीं कर रहा है। अब देखना है कि शासन-प्रशासन पंचायत भवनों  पर कितना ध्यान देते हैं 

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