15 लाख में भरे सडक़ गड्ढे एक वर्ष में ही उखड गए

बडे बडे गड्ढों में तब्दील हुई सडक़े तालबेहट। सिविल लाइन से बिजली घर होते हुए तरगुंवा ग्राम तक बनी सडक़ के गड्ढे योगी सरकार में गड्ढा मुक्त अभियान में भरे गए। मगर एक वर्ष भी पूरा नही गुजर पाया कि गड्ढे खाई में परिवर्तित हो गए। ग्राम तरगुंवा के बासिदों ने जिलाधिकारी से मांग करते

बडे बडे गड्ढों में तब्दील हुई सडक़े


तालबेहट। सिविल लाइन से बिजली घर होते हुए तरगुंवा ग्राम तक बनी सडक़ के गड्ढे योगी सरकार में गड्ढा मुक्त अभियान में भरे गए। मगर एक वर्ष भी पूरा नही गुजर पाया कि गड्ढे खाई में परिवर्तित हो गए। ग्राम तरगुंवा के बासिदों ने जिलाधिकारी से मांग करते हुए सडक़ के गुणवत्ता पूर्ण निर्माण की मांग की।


राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा योगी सरकार के गड्ढे मुक्त अभियान के तहत जल संस्थान कार्यालय से बिजली घर होते हुए तरगुंवा तक की सडक़ के गड्ढे 14.19 लाख की लागत से वर्ष 2017-18 में भरे गए थे। मगर ठेकेदार और अधिकारियों की जुगलबंदी से गड्ढे छै माह में उखड कर बडे बडे गड्ढे बन गए। तब से लेकर अब तक कई बार ग्रामीणों ने शिकायती पत्र देकर सडक़ मार्ग दुरूस्त कराने की मांग की मगर सुनवाई नही हुई। जिससे मामूली बारिश में ही सडक़ के गडढों में भरा पानी और कीचड़ राहगीरों के लिए मुसीबत बन रहा।

इसी तरह नगर के मुख्य मार्ग पेट्रोल पम्प से लेकर रानीपुरा तक सडक़ पूरी तरह बडे बडे गड्ढो और कीचड़ में सन गई। जिससे हजारिया महादेव, मकर संक्राति मेला जाने बाले राहगीरों केा भारी मुसीबतें हो रही है। बीते पांच वर्षो लोकनिर्माण विभाग कई बार गड्ढा मुक्त सडक़ निर्माण के नाम पर इन गड्ढों को भर चुका मगर गुणवत्ता विहीन कार्य के चलते कुछ माह में ही गड्ढे की मिटटी धूल बन कर उड गई और सडक़ पूरी तरह जर्जर हो गई।

सडक़ के दोनों ओर कीचड़ और सडक़ के बीचों बीच बने गड्ढे राहगीरों के लिए मुसीबत बन गए। रानीपुरा के निवासियों ने कई बार समाधान दिवस में सडक़ के समाधान की आस लगाई मगर कोई सुनवाई नही हुई। पीडब्लूडी के एई अवधेश कटियार का कहना है कि सडक़ मरम्मत के लिए शासन को स्टीमेट कई बार भेजा गया। बजट स्वीकृत होते ही सडक़ की मरम्मत कराई जाऐगी।


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