गौशाला में भूख से तड़प रहे गोवंश

मवेशियों के शरीर में दिख रहा हड्डियों का ढांचा, कहां जा रहा चारा-पानी उन्नाव। बीघापुर विकास खंड क्षेत्र के गांव पांडेयपुर में बने अस्थाई पशु आश्रय स्थल की हालत अत्यंत दयनीय है। आश्रय स्थल में लगभग बंद आधा सैकड़ा जानवर तड़प-तड़पकर भूखों मरने को मजबूर हैं। कहने को प्रति जानवर 30 ग्राम पंचायत को दिया

मवेशियों के शरीर में दिख रहा हड्डियों का ढांचा, कहां जा रहा चारा-पानी


उन्नाव।

बीघापुर विकास खंड क्षेत्र के गांव पांडेयपुर में बने अस्थाई पशु आश्रय स्थल की हालत अत्यंत दयनीय है। आश्रय स्थल में लगभग बंद आधा सैकड़ा जानवर तड़प-तड़पकर भूखों मरने को मजबूर हैं। कहने को प्रति जानवर 30 ग्राम पंचायत को दिया जा रहे हैं लेकिन जानवरों के शरीर में केवल हड्डियों के ढांचे ही दिखाई दे रहे हैं। शनिवार सुबह एक पशु आश्रय शाला में ने तड़प-तड़प कर मरणासन्न स्थिति में पड़ा मिला।


विकास खंड के गांव पांडेयपुर में बने पशु आश्रय स्थल में बंद लगभग आधा सैकड़ा जानवर भूखों तड़प-तड़पकर मरने को मजबूर है। जहां एक तरफ उपजिलाधिकारी दयाशंकर पाठक प्रतिदिन पशु आश्रय स्थलों का निरीक्षण कर सब कुछ चाक चैबंद बता रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनके स्थलीय निरीक्षण की पांडेयपुर गौशाला पोल खोल रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो पांडेयपुर पशु आश्रय स्थल पशुओं के लिए अभिशाप बन गई है। शनिवार सुबह भी एक सांड तड़प-तड़पकर पशु आश्रय स्थल में अंतिम सांसे गिन रहा था। ग्राम पंचायत अधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि आज तो छुट्टी पर हैं उनकी गौशाला में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है पूछने पर कि शनिवार लगभग 1 बजे आपकी गौशाला में एक पशु 1 गोवंश मरणासन्न है, पर उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की।

उन्होंने कहा कि एक जानवर बीमार था जिसका इलाज डॉक्टर कर रहे थे। खंड विकास अधिकारी डीके सचान ने बताया कि पशु आश्रय स्थल पांडेयपुर ठीक चल रहा है लेकिन गोवंश मरणासन्न के बारे में जानकारी कर रहा हूं। क्या जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही होगी इस बात का कोई जवाब नहीं दे सके। सीवीओ डॉ अखिलेश सचान ने बताया कि वह 7 मार्च को उपजिलाधिकारी दयाशंकर पाठक के साथ पांडेयपुर पशु आश्रय स्थल गए थे सभी कुछ ठीक मिला था। शुक्रवार को डॉक्टर हिना कौसर भी पांडेयपुर पशु आश्रय स्थल गई थी जहां सब कुछ ठीक था।

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