वर्षा से फसलों के नुकसान के बारे में किसानों को दिया सुझाव

संवाददाता – प्रमोद कुमार चौहान मनकापुर,गोण्डा- शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ०राम लखन सिंह ने बताया कि आज हुई वर्षा से गेहूं,जौ,गन्ना फसलों को लाभ होगा। जलभराव होने पर जल निकासी तुरंत करें।किसान भाई फसलों का निरीक्षण करें। दलहनी तिलहनी फसलों जैसे चना,मटर, मसूर,अरहर,सरसों आदि फसलों के खेतों पर जहां पर पर्याप्त

संवाददाता – प्रमोद कुमार चौहान

मनकापुर,गोण्डा-
शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ०राम लखन सिंह ने बताया कि आज हुई वर्षा से गेहूं,जौ,गन्ना फसलों को लाभ होगा। जलभराव होने पर जल निकासी तुरंत करें।किसान भाई फसलों का निरीक्षण करें।

दलहनी तिलहनी फसलों जैसे चना,मटर, मसूर,अरहर,सरसों आदि फसलों के खेतों पर जहां पर पर्याप्त नमी थी पुनः वर्षा हो जाने पर नमी की अधिकता के कारण दलहनी फसलों को उकठा रोक की संभावना बंद हो जाएगी। तिलहनी फसलों में इस समय फूल और फलों की अवस्था है वर्षा होने से फूल झड़ जाते हैं। जिससे दाना बीज की उपज कम हो सकती है।

दलहनी तिलहनी फसलों में जलभराव होने पर अत्यधिक नुकसान होता है। फफूंद जनित रोगों जैसे तुलासिता रोग आदि की संभावना बढ़ जाती है।वरिष्ठ उद्यान वैज्ञानिक डॉ एम०के० पांडे ने बताया कि आलू की फसल में पछेती झुलसा रोग की संभावना है अतः एक सुरक्षात्मक छिड़काव फफूद नासी रसायन जैसे डाईधेन M-45 की 3 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर अवश्य करें।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ० प्रदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि बागवानी फ़सलो को कोहरा और ठंड से बचाने के लिए छोटे पौधों के ऊपर छप्पर बनाएं व धुँवा करें। बाग में जलभराव होने पर जल निकासी करें।केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक औऱ अध्यक्ष डॉ० ओमप्रकाश ने बताया पशुओं को वर्षा एवं ठंड से बचाने के लिए पशुशाला का उत्तम प्रबंध करें पशुशाला के चारों तरफ बोरी तिरपाल लगाकर ठंडी हवा को रोके।

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