–जनपद में पांच लाख से अधिक किसान परिवार कर रहे हैं खेती बाडी
-अन्नदाता की समस्या का निराकरण करना अधिकारियों का प्रथम कर्तव्य
-प्रत्येक पात्र व्यक्ति को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त हो
-किसानों की आय दोगुना करने हेतु उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जाये
मथुरा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत वर्ष-2017 से 2019 तक 123 करोड़ रूपये की फसल क्षति पूर्ति की गई है, जिसमें 49 हजार कृषकों को लाभान्वित किया गया है। इस दौरान किसानों को धान, आलू, गैहूं और सरसों की फसल में समय समय पर बडी हानि उठानी पडी हैं। जनपद में करीब पांचा लाख परिवार खेती बाडी के काम में लगे हैं।
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में आयोजित किसान दिवस की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिये हैं
कि सभी अधिकारी किसानों की समस्याओं का निस्तारण समय से पूर्ण करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पात्र किसान का डाटा फीडिंग आवश्यक रूप से पूर्ण कर, समस्त पात्र किसानों को किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किया जाय। उन्होंने कहा कि मण्डी समिति के अन्दर आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, उसके लिए प्रत्येक व्यवस्थाओं को पहले से ही पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने किसानों के पशुओं का बीमा कराकर ईयर टैगिंग कराये जाने के भी निर्देश दिये।
श्री मिश्र ने न्यूज इण्डिया बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के साथ सकारात्मक व्यवहार करते हुए उनका सहयोग करें। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वह अपनी फसलों का समय से बीमा करायें, जिससे किसी भी दैवीय आपदा के समय उन्हें फसल की कीमत प्राप्त हो सके। उन्होंने किसानों से कहा कि फसल में अधिक पैदावर करने के लिए किसान मेलों में आये कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेते रहें एवं कृषि विज्ञान केन्द्र से भी जानकारी प्राप्त करते रहें।
उन्होंने किसानों की अनेक समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण करने के अधिकारियांे को निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने फसल अवशेष प्रबंधन पर कार्य योजना बनाने के निर्देश देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017 से 2019 तक 123 करोड़ रूपये की फसल क्षति पूर्ति की गई है, जिसमें 49 हजार कृषकों को लाभान्वित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी रामनेवास, उप कृषि निदेशक धुरेन्द्र कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. भूदेव सिंह, कृषि वैज्ञानिक डा. एसके मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी डा. विभूति के साथ अन्य संबंधित अधिकारी एवं कृषक उपस्थित थे।