मां जालपा मंदिर परिसर में मनाया गया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव, महापौर एवं पूर्व मंत्री ने की शिरकत  

मिल्कीपुर अयोध्या।भगवान परशुराम का जन्मोत्सव शुक्रवार को बड़े ही धूमधाम के साथ मां जालपा भवानी मंदिर परिसर में मनाया गया। कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य/ विशिष्ट अतिथियों द्वारा भगवान परशुराम के आदर्शों पर प्रकाश डाला गया और उस पर चलने का संकल्प लिया गया। अतिथियों ने निर्माणाधीन भगवान परशुराम के मंदिर में पूजा अर्चना की। भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। इनका जन्म बैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को हुआ था। ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम का जन्म प्रदोष काल में हुआ था, इसलिए जिस दिन प्रदोष काल के दौरान तृतीया होती है, उस दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव विशेष रूप से मनाया जाता है।

मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के कुमारगंज स्थित मां जालिपा देवी मंदिर परिसर में भगवान परशुराम सेवा संस्थान की ओर से विशाल ब्राह्मण सम्मेलन एवं भगवान परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अयोध्या महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि आज जैसे जातीय संगठन अन्य कार्य कर रहे हैं। वैसा कार्य ब्राह्मण नहीं कर सकता। ब्राह्मण समाज ने तो राष्ट्र का संकल्प अपने अस्तित्व के साथ ही ले लिया था। जो भी सभ्यताएं आदर्श भारत आर्यावर्त में थी उसका प्रचार प्रसार 135 देश में किया गया, जो हमारे पूर्वजों की देन है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार जय नारायण तिवारी ने कहा कि भगवान परशुराम का अवतरण इस धरा धाम पर धर्म की स्थापना के लिए एवं अधर्म के विनाश के लिए था समता, शांति, एकता और पर्यावरण की रक्षा के लिए हुआ था। धनुर्विद्या योग शास्त्र की शिक्षा के लिए अवतरित हुए भगवान परशुराम ने अपने दिव्य तपस्या रुपी जीवन में माता-पिता की सेवा एवं पितृ आज्ञा का प्रत्यक्ष परिणाम समाज के सामने स्थापित किया। इस मौके पर लवलेश पाण्डेय, शीतल बाजपेई, रमेश मिश्रा, अरविंद पाण्डेय, विजय उपाध्याय, विनोद पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय संभ्रांत लोग मौजूद रहे।

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