शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंककर नाम, स्थान व मीडियम बदल कर चल रहा विद्यालय

महमूदाबाद-सीतापुर।  जहां एक तरफ यूपी सरकार शिक्षा के प्रति कड़ा रुख अपनाए हुए है वहीं दूसरी ओर भोली भाली जनता को अपना शिकार बनाने वाले अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार बिना मानक कोई विद्यालय संचालित नहीं हो सकता किंतु देवी प्रसाद शुक्ल और सुनील दत्त दो ऐसे जालसाज हैं जो शिक्षा विभाग को ठेंगा दिखाने में सफल होते प्रतीत हो रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक तहसील क्षेत्र के रामपुर मथुरा ग्राम अंतर्गत एस.के.एम. एकेडमी संस्था को लेकर काफी दिनों से सोशल मीडिया पर अभिभावकों और छात्रों को गुमराह करने वाली पोस्टों को देखा जा रहा है। कुछ लोगों द्वारा इसका खंडन भी होता रहा था। क्षेत्र के कुछ जागरूक समाज सेवियों द्वारा सक्षम अधिकारियों से जनसुनवाई के माध्यम से शिकायत भी की गई है।
 
दरअसल बात यह है कि टिकठा निवासी सुनीलदत्त द्वारा अपने ही घर के निकट दो कमरों के एक घर में एस.के.एम. एकेडमी इंग्लिश मीडियम का बोर्ड लगा कर शिक्षा के नाम पर छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करने का कार्य विगत एक माह से किया जा रहा है। अभिभावकों द्वारा मिली अवैध स्कूल की जानकारी के अनुसार जब मीडिया टीम मौके पर पहुंची तो वहां सब गोलमाल ही नजर आया। पता चला कि लखनऊ विश्वविद्यालय में राजकीय पद पर कार्यरत देवी प्रसाद शुक्ल द्वारा शिक्षा विभाग की आंख में धूल झोंक कर बिना मानक व संसाधनों के 2014 में टिकठा से लगभग 2 किमी दूर रामपुर मथुरा ग्राम पंचायत में ली गई कक्षा एक से पंचम तक की मान्यता शिव कुमारी स्मृति शिक्षण संस्थान हिंदी मीडियम जो अपने यथा स्थान पर है ही नहीं।
 
किन्तु आपको अवगत करा दें कि उक्त विद्यालय का भवन रामपुर मथुरा ग्राम पंचायत की गाटा संख्या 1730 में होना चाहिए था लेकिन वहां सिर्फ कृषि कार्य होता है। उसी कागजी मान्यता के सहारे बच्चों के भविष्य के साथ खिड़वाड़ करते हुए उक्त संस्था के प्रधानाध्यापक सुनील दत्त संस्था का नाम अवैध रूप से बदल कर एस.के.एम. एकेडमी इंग्लिश मीडियम बताकर भोले भाले अभिभावकों को इंग्लिश मीडियम की महंगी किताबें दिलाकर मूर्ख बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जब मीडिया द्वारा प्रधानाध्यापक सुनील दत्त से इंग्लिश मीडियम के साक्ष्य मांगे तो वह भाग खड़े हुए।
 
शिकायत की सत्यता प्रमाणित करने के लिए जब उपस्थित छात्रों के बस्ते देखे गए तो वास्तव में उसमे इंग्लिश मीडियम की महंगी पुस्तकें पाई गई। यह भी देखने को मिला कि हर कक्षा के छात्र एक ही कमरे में बैठकर अप्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य कर रहे थे। इस सम्बंध में जब खण्ड शिक्षा अधिकारी रामपुर मथुरा उदय मणि पटेल से वार्ता की गई तो बताया गया कि जांचकर उचित कार्यवाही की जाएगी।
 

About The Author: Swatantra Prabhat Desk