आग से बेघर बने बाँसफोरो को  अब तक नही मिलाआपदा राहतकोष से सहायता,खुले आसमान जे नीचे रहने को बने मजबूर

गोलाबाज़ार गोरखपुर। नगर पंचायत गोला के बनकटा  की बाग में 14 दिन पूर्व लगी आग से तीन बंसफोर  परिवार बेघर हो गए। उनका सारा सामान जल कर राख हो गया । आज तक उन्हे तहसील प्रशासन द्वारा आपदा राहत राशि नहीं मिली। वह खुले आसमान के नीचे पन्नी डाल कर इस प्रचंड गर्मी में रहने के लिए मजबूर हैं।        
प्राप्त बिबरण के अनुसार बनकटा की बाग में  सुबास,प्रेम,मुन्ना तीन बंसफोर रिहायशी झोपड़ियों डाल कर वर्षो से रह रहे थे। बीते 21 अप्रैल को   दिन में  अज्ञात कारणों से उनकी रिहायासी झोपड़ी में आग लग गई। जबतक लोग आग पर काबू पाते तब  तक उनका राशन,विस्तर,कपडा,पंखा,बैंक पासबुक,जरूरी कागजात,साईकिल व नकदी तथा लगन के लिए तैयार किया गया डाल व समस्त संपूर्ण सामान जलकर राख  हो गया। झोपड़ी में  बंधी 7 बकरियां  भी जल कर मर गई।आग बुझाते हुए वीरेन्द्र बंसफोर भी झुलस गया।अगल बगल के लोगों व फायर बिग्रेड की मदद से आग पर काबू पाया गया। 
लेखपाल मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल किया।पशु चिकित्सक ने जली बकरियों  का पोस्टमार्टम भी किया।लेकिन अभी तक इन परिवारों को आपदा राहत नहीं मिली । प्रेम बंसफोर का कहना है कि पास बुक जल गया  था। नया बनवाकर तहसील में 5 दिन पूर्व जमा किया गया। दूसरे हम लोगों का बिजली का कनेक्शन है। आग लगने के कारण केबिल जल गया लेकिन आज तक विद्युत विभाग द्वारा कनेक्शन नहीं जोड़ा गया। हम लोग इस प्रचंड गर्मी में खुले आसमान के नीचे उसी तरह उबल रहे हैं। हमारे अतिरिक्त एक दर्जन परिवार को बिजली नहीं मिल रही है। भला हो समाज सेवियों का जो हम लोगों के लिए पन्नी,वर्तन , भोजन का जुगाड कर दिया।
 तहसीलदार गोला  बृजमोहन शुक्ल का कहना है कि आन लाइन आपदा राहत कोष से पैसा की डिमांड की गई है। इन लोगों का खाता नंबर भी भेज दिया गया है । पैसा आते ही खाते में भेज दिया जाएगा
 जे ई अजय का कहना है अग्निकांड में केबिल जल गई थी। केबिल के लिए डिमांड की गई है। अभी केबिल मिला नहीं है। मैं शीघ्र कोई व्यवस्था करवाता हूं।
 
 

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