विभागीय अधिकारियों की उदासीनता महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी अंतर्गत नहीं मिल रहा मजदूरों को काम 

महानगरों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे मजदूर

गोंडा। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत दो दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में  काम बंद  होने से मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है जिससे महानगरों की ओर पलायन करने को मजबूर है।  मामला विकासखंड रूपईडीह के अधिकारियों की उदासीनता के कारण ग्राम पंचायत बलुवा ककरा, बलवंत नगर,भैरमपुर,असिधा, भटपुरवा,भोलाजोत, भोपाल पुर,भुलईडीह,भुडकुडा, छितौनी,देवरहना,हरखापुर, जेट पुरवा,कल्यानपुर,कोचवा,मंगलनगर, नरहरिया, निधि नगर,परसदा,पिपरा बाजार,पूरे पाठक,पिपरा चौबे,रज्जनपुर,सहजनवा,सरहरा,सुसगवा,टडवागुलाम सहित ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष के एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मनरेगा के अंतर्गत कार्य नहीं शुरू हुआ। मनरेगा के कार्य प्रारंभ न होने से ग्रामीण मजदूर महानगरों की तरफ पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
 
मजदूरों को उनके ही गांव में रोजगार मिले जिसके लिए  मनरेगा कानून बनाया गया था। जिसके तहत वर्ष में कम से कम 100 दिन गांव के मजदूरों को रोजगार दिया जाना अनिवार्य किया गया था। ग्रामीण अंचलों से प्रतिदिन सैकड़ों श्रमिकों को अपने घरों में निकल कर रोजी रोटी के लिए महानगरों की ओर पलायन करने को विवश  हैं। वर्ष 2005 में मनरेगा योजना लागू की गई थी ताकि गांव के लोगों को गांव में मनरेगा के  तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा सके और लोगों को रोजी रोटी के अभाव में महानगरों की ओर पलायन न करना पड़े, लेकिन हालात इतने खराब है कि एक तो ग्राम पंचायतों में मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है, निर्माण कार्य बंद पड़े हैं तो वहीं जिन ग्राम पंचायतों में रोजगार मूलक कार्य चल रहे हैं उनमें स्थानीय मजदूरों की जगह ठेका पट्टी यह फिर दूसरे गांव के मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है।
 
ग्राम पंचायत भुलईडीह के प्रधान व रूपईडीह प्रधान संघ के महामंत्री बृजेन्द्र नाथ शुक्ला ने बताया कि अधिकारियों के द्वारा उदासीनता व पत्रावली पर स्वीकृत प्रदान न करने के कारण मनरेगा के अंतर्गत कार्य बंद पड़े हुए हैं और मजदूर वर्ग  पलायन करने के लिए विवश हो रहें हैं तथा उनके बच्चे स्कूल शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।  इस संबंध में डीसी मनरेगा  अधिकारी  जेपी यादव ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के कारण ग्राम पंचायतों में  कार्यों की स्वीकृत नहीं  हो सका पिछले वित्तीय में जिन गांवों की स्वीकृति मिली होगी वहां काम चल रहा है।इस सम्बन्ध में खंड विकास अधिकारी मृत्युंजय यादव ने बताया कि इस रोजगार सेवक व सचिव के द्वारा रूचि नहीं लिया जा रहा है जिसके सम्बन्ध में पत्र लिखकर नोटिस जारी किया गया है।

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