मुख्तार अंसारी के खास शूटर अफरोज उर्फ चुन्नू पहलवाल की जान आफत में पड़ी

10 मुलाकातियों की लिस्ट बनवाकर जेल प्रशासन ने कराया पुलिस वेरिफिकेशन
 
सीसीटीवी कैमरा की निगबानी में अफरोज उर्फ चुन्नू पहलवाल से जेल में हो रही मुलाकात
 
सप्ताह में तीन दिन मुलाकात हुई फिक्स, एलआईयू की टीम भी कर रही निगरानी
 
गाजीपुर।
 
आईएस (191) गैंग के सरगना मरहूम मुख्तार अंसारी के खास शूटर अफरोज उर्फ चुन्नू पहलवाल की जान आफत में पड़ी हुई है। व्यापारी नेता के करोड़ों की प्रापर्टी  हड़पने के मामले में जिला जेल में बंद चुन्नू पहलवान से मुलाकात करने वाले लोगों की संख्या भी निर्धारित कर दी गई है। जेल में सप्ताह में तीन दिन ही उससे मुलाकात हो सकती है। सिर्फ 10 मुलाकाती ही उसके लिए अलाउड हुए है। इन दस मुलाकातियों की लिस्ट तैयार कर जेल प्रशासन ने उनका पुलिस वेरिफिकेशन भी करा लिया है। अब यहीं दस लोग जिला जेल के बैरक नम्बर 10 में बंद चुन्नू पहलवान से मुलाकात कर सकते है। बताते चले कि जिला जेल के बैरक नम्बर 10 को लोग किसी जमाने में मुख्तार अंसारी के नाम से जानते थे। वर्तमान में इसी बैरक नम्बर दस में मुख्तार अंसारी का खासमखास शूटर अफरोज उर्फ चुन्नू पहलवान बंद है। 
 

जान का खतरा बताकर बैरक नम्बर 10 में छिपा हुआ है चुन्नू पहलवान 

 
बताते चले कि बांदा जेल में बंद रहने के दौरान अपने आका मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अफरोज उर्फ चुन्नू पहलवान काफी सहम गया है। वर्तमान में नगर के व्यापारी नेता अबू फखर खान के करोड़ों की प्रापर्टी हड़पने के मामले में चुन्नू पहलवान जेल में बंद है। इस मामले में मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा मऊ विधायक अब्बास अंसारी भी आरोपित है। वर्तमान में अब्बास अंसारी कासगंज की जेल में बंद है। बीते 6 अप्रैल को अबू फखर खान के केस में कोर्ट में पेशी के दौरान चुन्नू पहलवान ने अदालत से अपने जानमाल के सुरक्षा की गुहार लगाई थी। उसने अदालत को बताया कि वह उसरी चट्टी कांड में बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ गवाह है। ऐसे में इन दोनों लोगों से उसकी जान को खतरा है। उसने अदालत में इस आशय का प्रार्थनापत्र दिया कि विरोध जेल के अंदर खाने में उसे जहर दे सकते है। पेशी के दौरान भी सिर्फ दो सिपाही ही पैदल उसे कोर्ट तक लाते है। ऐसे में विरोधी रास्ते में ही उसकी हत्या करा सकते है। 
 

कोर्ट के निर्देश पर जेल में चुन्नू पहलवान की बढ़ी सुरक्षा

 
बताते चले कि चुन्नू पहलवान को इस जेल में आम बंदियों के ससाथ ही रखा गया था, लेकिन जब उसने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर जान माल के सुरक्षा की गुहार लगाई तो कोर्ट के निर्देश पर जेल के अंदर उसकी सुरक्षा व्यवस्था अलग बना दी गई। उसे उसके आका मुख्तार अंसारी के पसंदीदा बैरक नम्बर 10 में रखा गया है। बैरक के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरा लगा दिये गये है। बैरक के अंदर तीन लम्बरदारों की तैनाती कर दी गई है। दिन हो या रात हर वक्त बैरक के आसपास जेल सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है। चुन्नू पहलवान को जेल के अंदर खाना भी पूरी तरह जांच पड़ताल के बाद ही दिया जा रहा है। 
 

अधिवक्ता से स्पेशल मुलाकात की परमीशन

 
जबसे अफरोज उर्फ चुन्नू पहलवान को बैरक नम्बर 10 में इंट्री कराया गया है तबसे उसकी मुलाकात पर भी निगरानी की जा रही है। अतिरिक्त सुरक्षा घेरे में रखे गये चुन्नू पहलवान से सिर्फ दस लोग ही मुलाकात कर सकते है। इनद स लोगों की लिस्ट बंदी चुन्नू पहलवान से ही पूछकर बनाई गई है। लिस्ट में इसके अधिवक्ता के अलावा परिवार के पांच सदस्य और चार अन्य लोगों का शामिल किया गया है। इसके अलावा जेल प्रशासन ने इन सभी दस मुलाकातियों का पुलिस वेरिफिकेशन भी कराया है। इसके बाद ही इन्हें चुन्नू पहलवान से मिलने की अनुमति दी गई है। चुन्नू के अधिवक्ता को जेल प्रशासन ने मैनुअल के हिसाब से ही स्पेशल परमीशन दी है। 
 

कैमरे के सामने कराई जा रही मुलाकात

 
जेल में चुन्नू पहलवान से मुलाकात करने के लिए आने वाले 10 चुनिंदा लोगों से उसकी मुलाकात सीसीटीवी कैमरा के सामने कराई जा रही है। चाहे वह महिला मुलाकाती हो या फिर पुरुष सभी को कैमरे के सामने बैठाकर ही मुलाकात कराई जा रही है। इसकी मानटरिंग जेल के अंदर बजे कैमरा मानीटर कक्ष से किया जा रहा है।

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